रायपुर. अपनी ​विभिन्न मांगों को लेकर नर्स रायपुर के धरना स्थल पर हड़ताल पर बैठी हुई है. जिन पर राज्य शासन की ओर से एस्मा लगा दिया गया है. एस्मा लगाये जाने के बाद आज ना सिर्फ धरना पर बिजली की सप्लाई बन्द कर दी गई है ​बल्कि उन्हें हाटने के लिए यहां भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है. पुलिस ने धरना स्थल पर एस्मा आदेश की कॉपी भी चस्पा की है.

नर्सों को धरना स्थल से हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने नर्सों के एक प्रतिनिधि मंडल को स्वास्थ्य सचिव रानू साहू से बात करने भेजा है. यदि बातचीत सार्थक नहीं हुई है, तो पुलिस इन आन्दोलनकारी नर्सो को गिरफ्तार कर सकती है. जिसके चलते यहा काफी हंगामें के आसार है.

बहरहाल धरना स्थल पर अभी भी असंमजस्य की स्थिति बनी हुई है, कि सरकार का अगला कदम क्या होगा साथ ही सरकार की ओर से भी आन्दोलनकारी नर्सों के अगले कदम पर नजर रखी गई है.

आपको बता दें कि सैलरी बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों की तीन हजार नर्से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.जिसके कारण प्रदेश के अस्पतालों के हालात बिगड़ी हुई है. यहां तक की मरीजों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इसी के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है.

आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम

आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्‍मा लगाया जाता है. एस्‍मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी  समाचार पत्र या अन्‍य माध्‍यम से सूचित किया जाता है. एस्‍मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. इस अधिनियम के लागू होने के उपरान्‍त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ एवं दण्‍डनीय है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त इस आदेश से सम्‍बन्‍धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्‍ट के गिरफतार किया जा सकता है.