अभिषेक सेमर, तखतपुर। एक तरफ प्रशासन प्रतिबंध लगाने की बात कह रही है, तो दूसरी ओर तालाबों में बेख़ौफ़ मछली मारने का खेल चल रहा है. स्थानीय लोगों की आस्था, विश्वास और सांस्कृतिक धरोहर माँ परमेश्वरी सरोवर दीवान तालाब में प्रतिबंध लागू होने के बावजूद मछुआरों ने सुबह-सुबह जाल डालकर मछलियों को पकड़ा. बताया जा रहा है कि तालाब में मछली पकड़ने की घटना के पीछे कुछ प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण है, जिनके आगे अधिकारी बेबस दिखाई दे रहे हैं.

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माँ परमेश्वरी सरोवर दीवान तालाब आस्था का केंद्र है, जिसे वर्षों से साफ-सुथरा और सुरक्षित रखा जाता रहा है. ऐसे में प्रतिबंध के बावजूद मछली पकड़ना सीधे-सीधे प्रशासनिक आदेश की अवहेलना है. लोग पूछ रहे हैं, आखिर किसके कहने पर यह सब हो रहा है? क्यों अधिकारी खुद को अनजान बताकर बच निकल रहे हैं?

सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका के अधिकारी जानबूझकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं और जनप्रतिनिधियों तक को खबर नहीं होने का नाटक कर रहे हैं. जबकि सुबह-सुबह तालाब की पहचान बनी मछलियों को निकाल लिया गया.

पूरी रात तालाब में जाल डाले रहे मछुआरे, और सुबह जब लोग गार्डन में घूमने पहुँचे तो उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं. तालाब में मछलियाँ मारते मछुआरे खुलेआम नजर आए, मानों उन्हें न प्रशासन का डर है और न स्थानीय लोगों की आस्था का कोई लिहाज़. आरोप है कि यह सब किसी नेता के इशारे पर किया जा रहा है, और जनता की भावनाओं से बेख़ौफ़ होकर तालाब की सफाई और पवित्रता को नजरअंदाज कर मछलियाँ पकड़ते रहे. परिणामस्वरूप तालाब की गंदगी और सड़े पानी की बदबू ने सुबह टहलने आए लोगों का दिन खराब कर दिया.

इस संबंध में एसडीएम शिव कुमार कंवर से पूछा गया कि किसकी अनुमति से मछली मरा जा रहा तो उन्होंने बताया कि इस मामले में सीएमओ अमरेश सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. इसके साथ ही जल्द ही दोषियों के ऊपर कार्रवाई करने की बात कही है.

वहीं सीएमओ अमरेश सिंह से दीवान तालाब में मछली मारे जाने के संबंध में पूछा गया तब उनका कहना था कि तालाब की सफाई के आदेश और अनुमति दिए थे, मछली मारने का नहीं. जब उनसे पूछा गया कि किसको तालाब सफाई की अनुमति दिए थे तो उन्होंने रायपुर में डायरेक्टर साहब से सामने बैठे होने का हवाला देकर फोन काट दिया.