रायपुर. आमतौर पर 5 लाख से अधिक कीमत की कारों एवं महंगी बाइकों में ही गर्मी से बचने के लिये पंखा, मोबाइल चार्जर, दूरी तय करने वाली स्पीडोमीटर, सेंट्रल लाकिंग सिस्टम, इण्डीकेटर, हार्न, म्यूजिक सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक बेक्रिंग सिस्टम और सुरक्षा से लैस सेंसर, कैमरा की सुविधा होती है, लेकिन कक्षा बारहवी के छात्र देव पण्डया द्वारा सोलर से चलने वाली ऐसी सुपर स्मार्ट साइकिल तैयार की गई है कि यह सुविधा एवं सुरक्षा के मामले में कई महंगी बाइक एवं कारों को पीछे छोड़ देती है.

खास बात यह भी हैै कि इस सोलर साइकिल को बनाने में महज दस हजार रुपए की लागत आई है, वहीं यह ईंधन से चलने वाली और प्रदूषण फैलाने वाली मोटर साइकिलों की तुलना में ईको फ्रेण्डली है. वर्तमान समय में जब पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगातार उपाय किये जा रहे हैं. ऐसे में छात्र देव पंडया द्वारा तैयार सोलर साइकिल भविष्य में इस ओर कदम बढ़ाने और ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल करने की प्रेरणा देती है.

राष्ट्रीय सेवा योजना के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय राज्य स्तरीय युवा सम्मेलन का आयोजन पं. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में किया गया. इस दौरान प्रदेश भर से आये राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. शहर के गुजराती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम में कक्षा बारहवीं की पढ़ाई करने वाले गणित के छात्र देव पंडया ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और कौशल से सोलर सिस्टम से चलने वाली स्मार्ट साइकिल तैयार कर प्रदर्शित किया. सम्मेलन में देव पंडया द्वारा तैयार मॉडल सबके आकर्षण का केंद्र बनी रही.

दरअसल इस साइकिल की खूबी अनेक मायनों में कई कीमती मोटर साइकिलों एवं कारों की तुलना में सस्ती होने के साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने की दिशा में भी उपयोगी है. छात्र देव ने बताया कि सोलर साइकिल को बनाने में सात हजार रुपए का खर्च आया है. इसमें 15 आधुनिक सुविधा हैं. इसमें साइकिल चलाने वाले को गर्मी से बचाने पंखा, सुरक्षा एवं दुर्घटना के दौरान की फुटेज के लिए कैमरा, मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जर पाइंट, बाइक एवं कार की तरह लॉक होने वाली सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम चाबी, दाये-बाये मुड़ने के लिये इण्डीकेटर, म्यूजिक सिस्टम, हॉर्न, चोरी से बचाने सिक्यूरिटी अलर्ट, ब्रेक लगाने के दौरान साइकिल वही रूक जाए इसलिए इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकिंग सिस्टम आदि लगाया गया है.

देव की माता श्रद्धा पंडया ने बताया कि देव का शौक बचपन से ही कुछ नया करने और आम लोगों के लिये ऐसा तकनीक अविष्कार करने का है, जिससे आवागमन सुविधा जनक होने के साथ पर्यावरण का संरक्षण भी हो सके. परिवार के लोग देव को पूरी मदद करते है.

पांच रुपए में तीस किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है

देव ने बताया कि 4 से 5 घंटा चार्ज करने पर यह साइकिल 30 किलोमीटर तक चल पाती है. इसमें 12 वोल्ट की एक बैटरी, 12 वोल्ट का सोलर प्लेट लगाया गया है. वर्तमान में जहा पेट्रोल एवं डीजल की कीमत अधिक होने के साथ वाहनों में माइलेज की समस्या है ऐसे में यह सोलर साइकिल में पांच रुपये की लागत में 30 किलोमीटर की दूरी तय करती है.

डिजीटल स्कूल एवं स्ट्रीट लाइट से बिजली बचत करने का भी बनाया प्रोजेक्ट

छात्र देव पंडया ने सोलर उर्जा से चलने वाली स्मार्ट साइकिल के साथ ही डिजीटल स्कूल एवं स्ट्रीट लाइट से अनावश्यक उर्जा की खपत को दूर करने और बिजली बचाने का मॉडल भी प्रदर्शित किया है. उन्होंने स्कूल के क्लास रूम में मानव शरीर के सेंसर से जलने और बंद होने वाली लाइट, अंधेरा होने के साथ आटोमैटिक जलने वाली लाइट तथा उजाला होने पर बंद हो सकने वाली स्ट्रीट लाइट का प्रदर्शन अपने बनाये मॉडल में किया है. सोलर एवं बैटरी के माध्यम से तैयार हुए इस मॉडल के जरिए बताया गया है कि स्कूल में छात्रों के आते ही बिजली जलने लगेगी और अनुपस्थिति में बिजली बंद हो जायेगी. छात्र देव के इस मॉडल से स्ट्रीट लाइट में अनावश्यक जलने वाली लाइटों पर रोकथाम लगेगी और बड़ी मात्रा में बिजली की बचत की जा सकेगी.