बलौदाबाजार। जिले नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत पूरे जिले में 207 चारागाह विकसित करने की योजना बनाई गई है. जिसमें से करीब 160 चरागाहों का निर्माण पूर्ण एवं 12 प्रगतिशील है. इन चारागाहों में गायों को खिलाने के लिए लगभग 232 एकड़ क्षेत्र में चारे की बोआई की गई है. इनमें नेपियर, मक्का और ज्वार जैसे पौष्टिक चारे वाले प्रमुख रूप से शामिल हैं.

जिले में राज्य सरकार की योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी अंतर्गत प्रथम चरण में 71 चारागाह द्वितीय चरण में 96 चारागाह एवं तृतीय चरण में 40 चारागाह स्वीकृत किये गये है. इस प्रकार जिले में कुल 207 चारागाह स्वीकृत किये गये है. वर्तमान समय में इन चारागाहों में से 86 चारागाहों को विकसित किए गए है. जिसके तहत 232 एकड़ भूमि में चारा का उत्पादन किया गया है. इन चारागाहों में नेपियर घास 56 एकड़, मक्का 104 एकड़ एवं ज्वार और बाजरा 59 एकड़ का रोपण किया गया है. जिससे करीब 31 सौ क्विंटल हरा चारा का उत्पादन हुआ है. जिसे जिले के गौठानों में आने वाले लगभग 40 हजार पशुओं को 2 महीने हरे चारे प्रदान किए गए है. इन चारों के सेवन से लगभग 25 से लेकर 30 प्रतिशत तक दूध उत्पादन एवं गायों के स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

चारागाहों का उपयोग गौठान प्रबंधन समिति के माध्यम से गौठान में रखे गये पशुओं के लिए किया जाएगा. जिससे ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी होगी, साथ-साथ गोबर उत्पादन से भी आय अर्जित किया जा सकेगा. प्रत्येक गौठान में हरा चारा एवं पैरा को काटने के लिए हस्त एवं विद्युत चलित चाॅफ कटर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे चारे एवं पैरे का पूरा उपयोग होगा एवं बर्बादी नहीं होगी.