रायपुर। रायपुर के देवेंद्र खालसा मर्डर केस के तीन आरोपियों की उम्रकैद की सजा को हाईकोर्ट ने तीन-तीन साल की कैद में बदल दिया। साथ ही कोर्ट ने इस बात से भी इनकार कर दिया कि इस हत्याकांड में गुरुचरण सिंह होरा, पप्पू होरा और दूसरे लोगों को आरोपी बनाया जाए। रायपुर के एवरग्रीन चौक पर सन 1999 में ट्रांसपोर्टर देवेंद्र सिंह खालसा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक और ट्रांसपोर्टर गुरु चरण सिंह होरा समेत कई लोगों के नाम आए। मामला अदालत में चला । निचली अदालत ने धनेश, रतन और छोटेलाल को हत्या का दोषी माना और इन्हें उम्रकैद दे दी। इसके साथ ही एक और आरोपी पंकज को पांच साल की सजा दी गई। अदालत ने गुरु चरण सिंह होरा, पप्पू होरा, गुरुचरण सिंह होरा के ड्राइवर को दोषी नहीं पाया और उन्हें बरी कर दिया। इसके खिलाफ दोनों पक्ष हाईकोर्ट आ गए। देवेंदर खालसा के परिजनों ने हाईकोर्ट में यह कहकर अपील की कि इस हत्याकांड के साजिशकर्ता गुरुचरण सिंह होरा, पप्पू होरा व अन्य हैं, लेकिन निचली अदालत ने उन्हें छोड़ दिया है। उधर धनेश, रतन व छोटेलाल ने खुद को उम्रकैद होने के खिलाफ अपील की। गुरुवार को मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन और जस्टिस सावंत की विशेष डिविजन बेंच में हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने धनेश, रतन और छोटेलाल की उम्रकैद की सजा को तीन तीन साल के कारावास में बदल दिया। कोर्ट ने उन्हें हत्या का नहीं अवैध रूप से हथियार रखने का दोषी पाया। साथ ही गुरुचरण होरा व अन्य को इस मामले का आरोपी बनाने से इनकार कर दिया। गुरुचरण सिंह होरा की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट योगेशचंद्र शर्मा ने बताया कि सभी आरोपी तीन तीन साल से अधिक समय तक जेल में रह चुके हैं, लिहाजा यह मामला अब यहीं खत्म हो गया…