नीलेश भानपुरिया, झाबुआ।  मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के मेघनगर के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री वनेश्वर मारुती नंदन हनुमान मंदिर पर हनुमान जयंती महोत्सव उत्साह के साथ मनाया जाएगा। आयोजन की शुरुआत विशाल कलश यात्रा और तीन दिवसीय संगीतमय नानी बाई का मायरा के साथ हुई। वहीं आयोजन का आज आखिरी दिन है।

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प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री वनेश्वर मारुती नंदन हनुमान मंदिर में तीन दिन से नानी बाई का मायरा चल रहा है। जिसमें भजन कीर्तन और राधे-राधे के जयकारे से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज उठा। वहीं आयोजन के दूसरे दिन कथा व्यास वृंदावन रसिक परम पूज्य कृष्णप्रिया ने कथा सुनाई। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं मौजूद रहे। कथा का आज आखिरी दिन है। कथा में कहा गया कि, भगवान भक्तों के वश में होते हैं। जो भगवान पर श्रद्धा और उनकी भक्ति करता है, उनके लिए वह न जाने कौन-कौन से रूप धारण करते हैं। फिर वो नरसिंह अवतार हो, या फिर कोई और, उनकी लीला का कोई छोर नहीं है।

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कथा में बताया गया कि, कलयुग में भी भगवान अनेक रूप ले कर भक्तों की इच्छा पूर्ति करते हैं। वे आज भी हमें दर्शन देने के लिए तैयार हैं बस हमारे अंदर ही श्रद्धा और भाव की कमी होती है। ऐसे ही भगवान पर अटूट विश्वास रखने वाले एक भक्त की कथा है। जिसका नाम है ‘भक्त नरसी की कथा ‘ या ‘नानी बाई का मायरा’ ये कथा एक ऐसे भक्त की है जिसकी सच्ची श्रद्धा ने भगवान को ही अपने वश में कर लिया। और नरसी मेहता की भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान श्री कृष्ण को नरसी की बेटी नानी बाई का मायरा भरने के लिए आना पड़ा। साथ ही कलाकारों द्वारा कथा के दौरान मनमोहक प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

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