रायपुर. इन दिनों छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों से चल रही है कि राजनांदगांव से कांग्रेस के पूर्व सांसद देवव्रत सिंह जल्द ही छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. सूत्र यहां तक दावा कर रहे हैं कि देवव्रत 1 फरवरी को जनता कांग्रेस में प्रवेश करेंगे.

वहीं जब इस बारे में लल्लूराम डॉट कॉम ने देवव्रत से बात की तो उन्होंने इस बात का खंडन किया. उन्होंने यह भी कहा कि मेरी एक फरवरी को जनता कांग्रेस में प्रवेश करने को लेकर किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन यह जरूर है कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस में प्रवेश को लेकर आगामी 29-30 जनवरी को होने वाली कार्यकताओं की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. आपको बता दें कि देवव्रत सिंह ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था. कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से क्षुब्ध देवव्रत ने इस्तीफा दे दिया था.

देवव्रत सिंह के इस्तीफा देने के बाद यह चर्चा जोर पकड़ने लगी थी कि  वे अजीत जोगी के करीबी हैं. इस बात को देवव्रत ने खुद एक प्रेसवार्ता के दौरान स्वीकार किया था. प्रेसवर्ता के दौरान देवव्रत ने कहा था कि ‘वे जेसीसीजे के मुखिया अजीत जोगी के साथ संपर्क में हैं. जोगी से उनकी बात होती रहती है, वे हमारे नेता रहे हैं.

गौरतलब है कि देवव्रत सिंह खैरागढ़ राज परिवार और रियासत के साथ-साथ राजघराने की राजनीति से जुड़े रहे हैं. उनके परिजनों का भी कांग्रेस से करीबी नाता रहा है. वे खुद खैरागढ़ विधानसभा सीट से तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं. वे राजनांदगांव संसदीय सीट से एक बार सासंद भी चुने गए. कुछ समय पहले वे कांग्रेस के महामंत्री भी थे. देवव्रत करीब 22 साल तक विभिन्न पदों पर रहे और उनके बाद कुछ समय पहले उन्होंने अचानक पार्टी छोड़ दिया था. जिसके बाद कांग्रेस भी हैरान थी.

बताया जा रहा है कि साल 2009 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने न तो उन्हें विधायक का टिकट दिया न ही सांसद का. हालांकि प्रदेश कांग्रेस की सिफारिश के बाद वो AICC के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में पैनल में शामिल रहे. जिसके चलते देवव्रत खासे नाराज चल रहे थे और यही वजह थी कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उस समय देवव्रत ने इस बात का ऐलान नहीं किया था कि वे किस पार्टी का दामन थम सकते हैं लेकिन अब साफ हो गया है कि देवव्रत आने वाले एक फरवरी को जनता कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं.