हेमंत शर्मा। छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध के तीन बड़े कारण हैं. इन कारणों के बारे में जानकारी खुद आज डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी ने पत्रकारों को दी. दरअसल पत्रकारों के साथ आयोजित वार्षिक परिचर्चा में डीजीपी ने बताया कि प्रदेश में अपराध क्यों बढ़ रहे हैं ? इसके पीछे की प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं और पुलिस इस मामले में किस तरह से एक्शन लेने जा रही है.

डीजीपी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपराध जो बढ़ रहे हैं उसमें पहला और अहम कारण रहा है लॉकडाउन. दरअसल लॉकडाउन के बाद बदली परस्थतियों से चोरी, लूट जैसे मामले सामने आए हैं. कुछ जगहों पर लूटपाट के साथ हत्याएं भी हुई है. इसे लेकर एक उदाहरण भी उन्होंने दिए. उन्होंने कहा कि बीते दिनों रायगढ़ जिले में एक अपहरण की घटना हुई थी. इस घटना में शामिल आरोपी वो था जिसकी नौकरी कोरोना संकट के दौरान चली गई थी. मतबल ये कि आर्थिक संकट को बर्दास्त नहीं कर पाने वाले कुछ लोग कई जगहों पर अपराध की दिशा में आगे बढ़ गए हैं. हमें उन्हें रोकना होगा.

डीजीपी ने दूसरा प्रमुख कारण बताया वेब सीरिज. उन्होंने कहा कि नए दौर में वेब सीरिज का चलन खुब बढ़ गया है. वेब सीरिज में ज्यादतर अश्लील और अपराध से जुड़े विषय होते हैं. चूँकि यह इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है लिहाजा यह हर वर्ग तक पहुँच रहा है. ज्यादातर युवा पीढ़ी और नाबालिग लड़के-लड़कियाँ वेब सीरिज के आदि होते जा रहे हैं. इससे उनके मनो स्थिति पर गहरा प्रभाव पहुँच रहा है, जिससे कई जगह यह देखने में आ रहा कि बच्चें भी कई बड़े अपराधों में शामिल हैं. कई जगहों पर जो रेप की घटनाएं सामने आ रही है उसमें नाबलिग शामिल होते हैं. हम इसे लेकर एक व्यापक रणनीति बना रहे हैं, जिससे की इस तरह की घनटाओं को रोक सके.

डीजीपी ने तीसरा जो प्रमुख कारण बताया है वह छत्तीसगढ़ जैसे शांत और संवेदनशील राज्य के लिए सबसे अहम है. डीजीपी का यह मानना है कि बाहरी राज्यों से छत्तीसगढ़ में काम-काज या नौकरी के नाम पर ऐसे लोग की आवक बढ़ते जा रहे हैं जो कि आपराधिक गतविधियों में वहाँ पर संलिप्त होते हैं. और यहाँ पर नाम बदलकर या छुपकर काम करते हैं. खास तौर इस तरह के मामले यूपी और बिहार से आने वाले लोगों को मिले हैं. उन्होंने कहा कि यूपी-बिहार में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले गूंडे-बदमाश रायपुर या छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में आकर, छुपकर काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान हम कर रहे हैं. कई बड़े अपराधों में हमने देखा कि बाहरी राज्यों के गैंग से जुड़े लोग शामिल रहे हैं. इन्हें पहचानना और पकड़ना जरूरी है. हम इस मामले में पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी मदद लेंगे, साथ ही समाज के लोगों से भी अपील करते हैं कि वे अपने आस-पास पड़ोस में नए आने वाले लोगों को लेकर जागरुक और सावधान रहे.