रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के धार के भोजशाला में ASI सर्वे का आज 24वां दिन है। रविवार को एएसआई की 22 सदस्यीय टीम 27 मजदूरों के साथ भोजशाला पहुंची। वहीं ASI ने कल भोजशाला परिसर के पीछे 3 साइट और गर्भगृह के समीप डिगिंग का कार्य किया। साथ ही हवन कुंड की मैपिंग भी की थी।

भोजशाला में अब तक हुए सर्वे के दौरान सीढ़ियां, दीवार, शिलालेख, पत्थरों के भित्ति चित्र और अक्कलकुइया के समीप सर्वे किया जा चुका है। भोजशाला के पीछे की ओर सर्वे लगातार जारी है। गर्भगृह के समीप कच्चे स्थान पर डिगिंग का कार्य जारी है। खम्बों और गुंबद की मैपिंग की जा रही है, क्लीनिंग ब्रशिंग की गई है। मिलने वाले सभी शिलालेख व पत्थरों की सफाई कर उनके फोटो वीडियो लेकर उनकी क्लीनिंग, नंबरिंग कर कोडिंग दिया गया है। अब उन्हें लैब में भेजा जाएगा। आने वाले दिनों में और अधिकारियों की संख्या नई विधाओं के साथ जीपीएस जीपीआर मशीन का भी उपयोग किया जाएगा।

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मुस्लिम पक्ष ने कही ये बात

मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम के द्वारा लगातार काम किया जा रहा है, अभी साइंस की टीम नहीं आई है। टीम जब आएगी तो शिलालेखों की केमिकल से सफाई की जाएगी। आधा सर्वे हो चुका है। कार्बन डेटिंग अभी बचा है। नक्शे तैयार हो चुके हैं किस कम्युनिटी का क्या-क्या ब्लेम है उसके हिसाब से वह जांच पड़ताल कर रहे हैं। गुप्त तरीके से रिपोर्ट सबमिट की जाएगी।

गोपाल वर्मा ने किया ये दावा

वहीं याचिकाकर्ता गोपाल शर्मा ने कहा कि काम प्रगति पर है पीछे की ओर काम चल रहा है। आने वाले समय में जो मशीन आएगी उसे फाइनल रिजल्ट आ जाएगा। कल अब्दुल समद के द्वारा दरगाह के नीचे तलघर दरगाह होने का दावा किया गया था। इस पर गोपाल शर्मा ने कहा कि हम तो भोजशाला के नीचे तलघर ढूंढ रहे थे। हम तो पूर्व से कह रहे हैं कि कमाल मौलाना के नीचे कमलनाथ जी की समाधि है।

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गोपाल वर्मा ने दावा करते हुए कहा कि नीचे शिवलिंग था दक्षिणेश्वर महादेव थे जो दो गुंबज है एक दक्षिण में ईश्वर महादेव है और एक हनुमान जी का मंदिर है। जहां पर कमलनाथ जी सेवा करते थे जब उनकी मृत्यु हुई तो यहां पर उनकी समाधि बनाकर और शिवलिंग स्थापित किया गया था। सच सामने आएगा भोजशाला को सर्वे की आवश्यकता नहीं है सर्वे की आवश्यकता इस बाहर के परिसर को है, जहां पर कई सच्चाइयां छिपी हुई है।

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