कपिल शर्मा, हरदा। कोरोना संक्रमण काल के दो वर्ष बाद भगवान जगन्नाथ श्रद्धालुओं को दर्शन देने 1 जुलाई को रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। रविवार को मंदिर समिति के सदस्यों ने स्थानीय जगन्नाथ मंदिर में बैठक कर यह निर्णय लिया है।

शहर के नरसिंह वार्ड में स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में दो साल बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी। एक जुलाई को भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। कोरोना के दो साल सांकेतिक तौर पर शोभायात्रा निकाली गई थी। इसी के चलते इस बार भक्तों में खासा उत्साह है। भगवान जगन्नाथ बलभद्र व सुभद्रा की लकड़ी से बनी प्रतिमा उड़ीसा के पुरी से वर्ष 2013 में बुलाई गई थी। इसके बाद 2015 में लकड़ी का रथ शोभायात्रा के लिए बनाया गया। शोभायात्रा में इसी रथ को लोग खींचते हैं। मंदिर के पुजारी पंडित किरण प्रसाद दुबे ने बताया कि स्नान के बाद भगवान 15 जून को अस्वस्थ्य हो गए थे। उनका इलाज चल रहा है। स्वस्थ लाभ के बाद भगवान भक्तों को दर्शन देने 1 जुलाई को नगर भ्रमण में निकलेंगे। रथ यात्रा सुबह 9 बजे से शुरू होगी।

शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए यात्रा वापस मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी। दोपहर 12 बजे महाआरती होगी। इसके बाद प्रसाद का वितरण होगा। भगवान जगन्नाथ फूलों से सजे रथ पर निकलेंगे। रथ को भक्त खींचेंगे। रथ के आगे-आगे श्रद्धालु झाडू लगाते हुए चलेंगे। इसके अलावा चौक-चौराहों पर भगवान की आरती भी होगी। दोपहर में महाआरती के बाद भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। पंडित दुबे के मुताबिक उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ नंदीघोष रथ, बलदाऊ तल ध्वज व सुभद्रा देवदालान रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। नंदी घोषरथ के 18 पहिए, तल ध्वज के 16 और देवदालान रथ के 14 पहिए होते हैं।

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