
दीपक कुमार सिंह/बांका: मंदार महाकुंभ में धीरेंद्र शास्त्री ने भोजपुरी में भक्तों से संवाद किया. उन्होंने पूछा- ‘बिहार में का बा?’ इस पर भक्तों ने जवाब दिया- ‘बिहार में धीरेंद्र शास्त्री बा’. संतों और भक्तों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया. उन्होंने आगे पूछा- ‘का हाल बा… ठीक बा नू हो… हमऊ ठीक बाडी’.
कई प्रमुख धर्मगुरु हुए शामिल
धोरैया प्रखंड के गौरा गांव में धीरेंद्र शास्त्री का यह पहला दौरा था. रविवार दोपहर 12 बजे वे मंच पर पहुंचे. कार्यक्रम में कई प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए. गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद मौजूद रहे. धीरेंद्र शास्त्री ने जय श्री राम का जयघोष करवाया. भक्तों के प्रति विनम्र दिखे. हाथ जोड़कर आशीर्वाद दिया. धीरेंद्र शास्त्री ने करीब 2 घंटे तक प्रवचन दिया. हिंदू एकता का संदेश दिया. कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जात-पात की भावना छोड़नी होगी. मंदिरों को लेकर नया सुझाव दिया. बोले- मंदिरों के बाहर ‘चप्पल-जूता बाहर रखें’ की जगह ‘जात-पात छोड़कर अंदर आएं’ लिखा होना चाहिए.
‘रोहिंग्या को रोक नहीं पाए, हमें क्या रोकोगे’
उन्होंने कहा कि बिहार आने से पहले और आने के बाद कई लोगों ने कहा कि बाबा को जेल में डाल दो. बाबा को बिहार नहीं आना चाहिए. हमने परसों रात ही कहा- ‘ठठरी के परे’. तुम रोहिंग्या को रोक नहीं पाए. घुसपैठियों को रोक नहीं पाए. हम तो भारत के ही हैं. भारत हमारा है. बिहार संतों की भूमि है. महंतों की भूमि है. चाणक्य की भूमि है. प्रथम राष्ट्रपति की भूमि है. ज्ञान की भूमि है. जानकी माता की भूमि है. अब बांका जिले में कुछ भी ‘बांका’ नहीं रहने वाला.
‘हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं’
उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि हम तोड़ने आए हैं. सच यह है कि हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं. लोगों को लगता है कि हम नफरत फैलाते हैं. नफरत नहीं, हम प्रेम के आदि हैं. गर्व से कहते हैं कि हम हिंदुत्ववादी हैं. लोगों को लगता है कि हम विवाद करते हैं. नहीं… हम तो संवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि हम हिंदू-मुसलमान करते हैं. बांका जिले में मुसलमान परिवार भी बहुत हैं. देश सबका है. सबको रहना चाहिए. हम राम-रहीम दोनों को मानते हैं. अब्दुल कलाम को भी मानते हैं, लेकिन गजवा-ए-हिंद को नहीं मानते. तुम गजवा-ए-हिंद कहोगे, हम भगवा-ए-हिंद कहेंगे. तुम देश को तोड़ने की बात करोगे, हम हिंदुओं को जोड़ने की बात करेंगे.
‘रावण ने राम जी से कही थी यह बात’
उन्होंने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना असंवैधानिक है. मैंने कहा- 1947 में भारत माता के एक टुकड़े को काटकर पाकिस्तान बना दिया, तो बचे हुए को हिंदू राष्ट्र बनाने में क्या दिक्कत है? उन्होंने राम-रावण का प्रसंग सुनाया. कहा कि जब राम ने रावण पर बाण चलाया तो वह गिर पड़ा. राम जी सामने खड़े थे. रावण ने कहा- मैं तुमसे हर चीज में आगे हूं. बल, पद, परिवार, वैभव, शक्ति में तुमसे बड़ा हूं. मेरी हार का एक ही कारण है. राम जी ने पूछा- क्या? रावण ने कहा- मेरा भाई मेरे साथ नहीं था और तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ था.
‘जात-पात से ऊपर उठोगे तो हिंदू राष्ट्र बनेगा’
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने दिल्ली से फोन कर पूछा- महाराज, जब भारत में 80% हिंदू हैं, तो यह हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं है? मैंने कहा- ‘ठठरी के परे’. इस देश में हिंदू कम रहते हैं. यहां या तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या सेवक रहते हैं. जिस दिन यह राष्ट्र जात-पात और छुआछूत से ऊपर उठ जाएगा, उसी दिन हिंदू राष्ट्र कहलाएगा.
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