अमृतसर. शिरोमणि अकाली दल के नेता और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी साथी विक्की मिड्डूखेड़ा हत्याकांड में मोहाली कोर्ट ने तीन शूटरों को दोषी ठहराया है. विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या 7 अगस्त 2021 को गोली मारकर की गई थी. इसके लगभग 10 महीने बाद, 29 मई 2022 को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मानसा जिले के जवाहरके गांव के पास हत्या कर दी गई.
इस हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई ने ली थी. एक टीवी इंटरव्यू में लॉरेंस बिश्नोई ने दावा किया था कि मूसेवाला गैंगवार जैसी गतिविधियों में शामिल था और उसका विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या में हाथ था. लेकिन अब कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि मूसेवाला इस हत्या में शामिल नहीं था, क्योंकि कोर्ट ने अपने आदेश में उसका नाम आरोपी के रूप में नहीं लिया है.
कोर्ट के फैसले में मूसेवाला का जिक्र
कोर्ट के आदेश में मूसेवाला का नाम दो बार आया है, लेकिन उसे आरोपी या दोषी के रूप में नहीं दर्शाया गया. बल्कि यह जिक्र शगनप्रीत के नाम के साथ हुआ है. शगनप्रीत वह व्यक्ति है, जो हत्या के बाद देश छोड़कर फरार हो गया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शगनप्रीत ने गैंगस्टरों को बताया था कि वह सिद्धू मूसेवाला के साथ सहायक संगीत निर्देशक है. इसी कारण कोर्ट के दस्तावेजों में मूसेवाला का नाम आया.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे गैंगवार से जोड़कर देखा था, क्योंकि विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या के बाद शगनप्रीत को मूसेवाला का करीबी बताया गया था.
बंबीहा गैंग से थी दुश्मनी – पुलिस
पुलिस जांच के अनुसार, बंबीहा गैंग की विक्की मिड्डूखेड़ा से दुश्मनी थी. गैंग के मुखिया लकी पटियाल ने अर्मेनिया से फोन पर मिड्डूखेड़ा को धमकी दी थी. हालांकि, हत्या के असली मकसद का खुलासा सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद ही पूरी तरह हो सकेगा.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें