कुछ यूजर्स ने इस पहल को अच्छा बताया तो कुछ ने कहा- परंपरा नहीं निभानी थी तो कोर्ट मैरिज करते
पं.बंगाल. पिछले दिनों बंगाली रीति-रिवाज से हुई एक शादी सोशल मीडिया पर चर्चा में है. इसमें दुल्हन के पिता ने कन्यादान करने से मना कर दिया. उनका तर्क था कि मेरी बेटी प्रॉपर्टी नहीं है, जो किसी को दी जाए.
इसलिए मैं यह रस्म नहीं निभाऊंगा. पिता के इस स्टैंड को अब सोशल मीडिया पर काफी सराहा जा रहा है. शादी की इस घटना की जानकारी अस्मिता घोष ने ट्विटर पर दी. उन्होंने बताया कि इस शादी को महिला पंडित ने संपन्न कराया है. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे बेहतरीन कदम बताया तो कुछ ने इसे परंपराओं के खिलाफ बताया. एक यूजर ने कन्यादान का मतलब भी समझाया. उसने बताया कि कन्या को दान नहीं करना बल्कि कन्या के लिए चीजें दान करना है. इस रस्म में परिवार के रिश्तेदार शामिल होते हैं.
I'm at a wedding with female pandits. They introduce the bride as the daughter of <mother's name> and <father's name> (mom first!!!). The bride's dad gave a speech saying he wasn't doing kanyadaan because his daughter wasn't property to give away. 🔥🔥🔥 I'm so impressed. pic.twitter.com/JXqHdbap9D
— Asmita (@asmitaghosh18) February 4, 2019
सब मिलकर लड़की को कुछ न कुछ देते हैं. एक यूजर ने लिखा पिता को दुल्हन को संपत्ति बताना गलत है. शास्त्रों में ऐसी कोई भी बात नहीं लिखी गई है. एक अन्य यूजर ने लिखा, अगर धर्म को नहीं मानना है तो कोर्ट मैरिज कर सकते हैं, लेकिन सिल्क की साड़ी और सिर पर टियारा रखकर ड्रामा क्यों किया जा रहा है, या तो परंपरा को नियम से निभाएं या फिर पूरी तरह से बहिष्कार करें, हर चीज में फेमिनिज्म को शामिल न करें.