Diesel Isobutanol Blending India: ऑटो डेस्क. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि सरकार अब डीजल में आइसोब्यूटेनॉल (Isobutanol) मिलाने की तैयारी में तेजी से काम कर रही है. इसका उद्देश्य देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना और वायु प्रदूषण को घटाना है. इस पहल को पर्यावरण और ऊर्जा सुरक्षा दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Also Read This: नई Kawasaki Ninja ZX-10R भारत में लॉन्च: कीमत बढ़ी, पावर में मामूली कमी, जानें सारे फीचर्स

Diesel Isobutanol Blending India

Diesel Isobutanol Blending India

पेट्रोल के बाद डीजल में बदलाव (Diesel Isobutanol Blending India)

गडकरी ने बताया कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) अब 10 प्रतिशत आइसोब्यूटेनॉल को डीजल में मिलाने की संभावनाओं पर रिसर्च कर रही है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पहले डीजल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के प्रयोग सफल नहीं हो पाए थे.

Also Read This: Mahindra Scorpio-N और Classic की बिक्री घटी, अगस्त में टॉप 10 कारों की लिस्ट से हुई बाहर

आइसोब्यूटेनॉल क्या है? (Diesel Isobutanol Blending India)

आइसोब्यूटेनॉल एक रंगहीन, ज्वलनशील तरल अल्कोहल है. इसे आमतौर पर सॉल्वेंट और रासायनिक उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है. बायोफ्यूल के रूप में भी यह फायदेमंद है क्योंकि यह मौजूदा फ्यूल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ संगत है.

गडकरी ने बताया कि आइसोब्यूटेनॉल न केवल डीजल में मिलाने के लिए उपयुक्त है, बल्कि इसे ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हाल ही में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर और एग्री इक्विपमेंट निर्माता कंपनियां आइसोब्यूटेनॉल और सीएनजी के ब्लेंडेड फ्लेक्स फ्यूल में रुचि दिखा रही हैं.

आंकड़े क्या कहते हैं? (Diesel Isobutanol Blending India)

गडकरी ने बताया कि भारत हर साल लगभग 22 लाख करोड़ रुपये का क्रूड ऑयल आयात करता है. इससे देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों पर दबाव पड़ता है. आइसोब्यूटेनॉल ब्लेंडिंग से आयात बिल में कमी आएगी और प्रदूषण कम होगा.

Also Read This: GST कटौती का फायदा: महिंद्रा Thar Roxx की कीमतों में लाखों की गिरावट, देखें नए रेट

किसानों को होगा फायदा (Diesel Isobutanol Blending India)

यह पहल किसानों के लिए भी लाभकारी साबित होगी. बायोफ्यूल उत्पादन में चीनी उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. गडकरी ने चीनी उद्योग से आग्रह किया कि वे अतिरिक्त चीनी का इस्तेमाल इथेनॉल और आइसोब्यूटेनॉल बनाने में करें. इससे किसानों की आय बढ़ेगी और देश आत्मनिर्भर बनेगा.

रिसर्च में कोई कोताही नहीं (Diesel Isobutanol Blending India)

गडकरी ने जोर दिया कि आइसोब्यूटेनॉल ब्लेंडिंग शुरू करने से पहले सभी पहलुओं का गहन परीक्षण किया जाएगा. इससे वाहनों की कार्यक्षमता और पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. हालांकि, अभी इस दिशा में और शोध और परीक्षण की जरूरत है.

इस नई पहल से भारत में ईंधन क्षेत्र में बदलाव की संभावनाएं और पर्यावरणीय सुधार की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं.

Also Read This: देश में 40% प्रदूषण का जिम्मेदार ट्रांसपोर्ट सेक्टर, गडकरी बोले- वैकल्पिक ईंधन से ही मिलेगा समाधान