शब्बीर अहमद, भोपाल: कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम संबंधी पत्र को लेकर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए जवाब को निराशाजनक और भ्रामक बताया है। बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ईवीएम मशीनों की एफएलसी और सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) के साॅफ्टवेयर की जानकारी देने संबंधी पत्र लिखा था। इस पर चुनाव आयोग द्वारा जवाब दिया गया। जिसे दिग्विजय सिंह ने भ्रामक बताया है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 29 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश को पत्र लिखकर ईवीएम मशीनों की एफएलसी कराते समय सिंबल लोडिंग यूनिट के साॅफ्टवेयर की जानकारी कांग्रेस पार्टी सहित राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। साथ ही इंटरनेट का उपयोग करते हुए कम्प्यूटर/लैपटाॅप के माध्यम से भेजी जाने वाली जानकारी भी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।

पारदर्शिता पर खड़े किए सवाल

दिग्विजय सिंह का आरोप है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश द्वारा अगले ही दिन 30 जनवरी को इसका भ्रामक उत्तर दे दिया गया जो चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। कांग्रेस पार्टी ने यह जानना चाहा था कि ईवीएम मशीनों की एफएलसी कराते समय इंटरनेट कनेक्शन युक्त पीसी/लैपटाॅप से भेजी जाने वाली जानकारी क्या है और किसे भेजी जाती है।

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कांग्रेस के दोनों सवालों के जवाब नहीं मिले

दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के जवाब में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के दोनों प्रश्न अनुत्तरित हैं और इनके जवाब में एफएलसी की प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई है। दिग्विजय ने आगे कहा है कि मेन्युअल ऑन इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन का हवाला देते हुए जिस प्रक्रिया की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दी गई है उसे सभी राजनीतिक दल पहले से ही जानते हैं और उसी की पारदर्शिता और प्रक्रिया पर संदेह पैदा होने के कारण सिंबल लोडिंग यूनिट के साफ्टवेयर की जानकारी चाही गई थी।

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क्या सिंबल लोड करते समय इंटरनेट की जरूरत होती है?

उन्होंने आगे कहा कि जब चुनाव आयोग द्वारा कहा जाता है कि ईवीएम का इंटरनेट से कोई संबंध नहीं है तो हमारा सीधा सवाल है क्या सिंबल लोड करते समय इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है और यदि हां तो इस बात को छिपाने की क्या वजह है कि एफएलसी के समय इंटरनेट के माध्यम से संबंधित कक्ष में स्थापित कम्प्यूटर/लैपटाॅप से किसे और क्या जानकारी भेजी जाती है।

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जनता को किया जा रहा गुमराह

दिग्विजय सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे लोगों से चर्चा करने के बाद ये तथ्य सामने आये हैं कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पत्र दिनांक 30.01.2024 में मैन्युअल ऑन ईवीएम की कंडिका 2.6 (सी) एवं 2.8 (डी) में उल्लेखित प्रक्रिया का पालन किसी भी स्थान पर नहीं किया गया है। इससे साफ है कि चुनाव आयोग ईवीएम के संबंध में आम जनता को गुमराह कर रहा है।

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दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग से की यह मांग

दिग्विजय सिंह ने मांग करते हुए कहा कि ईवीएम के प्रति आम जनता और राजनीतिक दलों में चारों ओर जो संदेह फैल चुका है वह चुनाव आयोग को तत्काल दूर करना चाहिए और राजनीतिक दलों के ऐसे सवालों के सीधे जवाब दिए जाने चाहिए जो चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर छाए हुए कोहरे को साफ करते हों।

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