भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में बुधवार से पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया गया है. अब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बधाई देते हुए केंद्र सरकार पर हमला भी बोला है. दिग्विजय ने कहा कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम का प्रस्ताव 20 साल पहले केंद्र को भेजा था, तब अस्वीकार कर दिया गया था.

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पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई. बधाई. जब मैंने यही प्रस्ताव भाजपा की केंद्र सरकार को आज से 20 साल पहले भेजा था, तब अस्वीकार कर दिया गया था. चलो देर से आए, दुरुस्त आए.

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इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति होगी. आईजी और एडीजी स्तर के अधिकारी पुलिस कमिश्नर बनाए जाएंगे. कलेक्टरों के पास लॉ एंड ऑर्डर के अधिकार नहीं रहेंगे. भोपाल के 38 थाने पुलिस कमिश्नर सिस्टम के अधीन रहेंगे. इंदौर के 36 थाने पुलिस कमिश्नर सिस्टम के अधीन रहेंगे.

ये अधिकार कलेक्टर से हटाकर पुलिस कमिश्नर को मिलेंगे

  • धारा 107 (शांति भंग करने का प्रयास)
  • धारा 116 (झगड़ा करना या झगड़े का प्रयास करना)
  • धारा 144 (शांति भंग होने या आपातकाल से बचाव के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश)
  • एनएसए (राज्य सुरक्षा अधिनियम)
  • जिला बदर
  • प्रिजनर्स एक्ट
  • अनैतिक देह व्यापार अधिनियम
  • शासकीय गोपनीय अधिनियम
  • भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को ड्राफ्ट भेजा गया था. इससे पहले 2016 में पुलिस मुख्यालय ने राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन प्रस्ताव अटका रहा.

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