दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। डिंडोरी जिले के दुनिया बघाड़ गांव अपनी बदहाली की आंसू बहा रहा है। यहां वर्ष 2014 से सड़क निर्माण का काम आरईएस विभाग कर रहा है, जो आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। 2014 से लेकर अब तक जब-जब विभाग ने दुनिया बघाड़ को जोड़ने वाले घाट में सड़क बनाई है। वह या तो बह गई या फिर उस सड़क की गुणवत्ता की बारिश ने पोल खोल दी। भाजपा नेता पंकज सिंह जांच कराने की बात कह रहे हैं तो वहीं विभाग प्रमुख कहते है कि इसमें कोई लापरवाही नहीं बरती गई। दुनिया बघाड़ वही गांव है जिसें केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने गोद लिया है। पूर्व में भी बारिश में दुनिया बघाड़ तक पहुंचने वाला घाट बनकर तैयार था लेकिन बारिश से बह गया था और अब सीमेंट की बनी पक्की सड़क का भी यही हाल है। न पूर्व में कोई जांच हुई, न कोई कार्रवाई और अब कोई उम्मीद नहीं है।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के मुखिया डी एस बघेल ने बताया कि यह सड़क वर्ष 2014 से स्वीकृत है। मनरेगा और आईएपी योजना के तहत यह सड़क बनाई जा रही है, जिसकी लागत लगभग डेढ़ करोड़ रु से ज्यादा है। विभाग प्रमुख यह भी बता रहे हैं कि इस सड़क की लंबाई1500 मीटर है, उसमें से 850 मीटर घाट कटिंग शामिल है। पूर्व में घाट कटिंग के लिए सड़क बनाई गई थी, लेकिन काली मिट्टी और बोल्डर के चलते तेज बारिश में वह बह गई, वर्तमान में भी आईएपी और 25 लाख रु पुरानी राशि जो बची हुई थी उस राशि से नाली और सड़क का काम चालू था, लेकिन तेज बारिश में उसमें भी नुकसान हुआ है। काली मिट्टी और बोल्डर जो बारिश में भी टिक नहीं सकती, यह जानकारी होने के बाद भी गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया। फिर भी विभाग इसमें किसी भी अधिकारी की लापरवाही नहीं मानता। यह हैरत की बात है। वहीं इस पूरे मामले में भाजपा के जिला महामंत्री पंकज सिंह तेकाम ने हैरानी जताते हुए कहा कि मामला गंभीर है, जिसकी जांच कराई जाएगी।
ठेकेदार की लापरवाही के कारण स्मार्ट क्लास रूम के सफल संचालन में खलल
इधर, डिंडोरी मंडला मार्ग पर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में ठेकेदार की लापरवाही के चलते लाखों रुपए की लागत से लघु उद्योग निगम द्वारा बनाई गई स्मार्ट क्लास के सफल संचालन में खलल पड़ गई है। जानकारी के मुताबिक बारिश के समय पर ही ठेकेदार ने भवन की दूसरी मंजिल पर काम चालू कराया, जिसके चलते पानी कमरों में सीपेज होने लगा। पानी के सीपेज होने के चलते स्मार्ट क्लास रूम में जो पीओपी का काम कराया गया था, उसका एक तरफ का हिस्सा भरभराकर गिर गया। इसको लेकर प्राचार्य ने आयुक्त सह सचिव के लिए 16 अगस्त को पत्राचार भी किया, लेकिन कोई जवाब अब तक नहीं आया, जो कई सवाल पैदा करता है। क्या ठेकेदार पर भोपाल में बैठे अधिकारी मेहरबान है?
वहीं जानकारी के अनुसार ठेकेदार के कार्य करने की गति बेहद धीमी है, जिसके चलते स्कूल से मुख्य मार्ग तक की सड़क व बाउंड्रीवाल भी अब तक नहीं बनाई गई है। इसके चलते स्कूल के छात्र छात्राओं सहित शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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