नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार का बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम सुपरहिट साबित हुआ और इसने पूरे देश में एंत्रप्रेन्योरशिप को चर्चा का विषय बना दिया. इस प्रोग्राम की शुरुआत में केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली सरकर के NSUT, DSEU, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी सहित दूसरी टॉप यूनिवर्सिटीज में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के फाइनलिस्ट टीमों के सदस्यों को सीधे एडमिशन की बात कही गई थी. इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार के शीर्ष विश्वविद्यालयों ने बिजनेस ब्लास्टर्स के 126 फाइनल टीमों 400+ स्टूडेंट्स एंत्रप्रेन्योर्स के लिए संयुक्त रूप से नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया.
मनीष सिसोदिया ने स्टूडेंट्स की सफलता पर जताई खुशी
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि किसी स्थान पर 400 स्टूडेंट्स बैठे हैं और राज्य के टॉप 5 विश्वविद्यालयों के उपकुलपति सीधे उन स्टूडेंट्स को अपने संस्थानों में एडमिशन देने के लिए बात कर रहे हैं. जो चीजे कभी IIT, IIM, हार्वर्ड या MIT जैसे संस्थाओं में संभव नहीं हो पाई, उसे दिल्ली सरकार के स्कूलों के स्टूडेंट्स ने अपनी मेहनत के दम पर संभव कर दिखाया है, जो पढ़ाई के अपने कन्वेंशनल तरीके से दूर जाते हुए एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट डेवलप कर अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर चुके हैं.
बिजनेस ब्लास्टर्स सबसे बड़ा स्कूल एंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम
बता दें कि बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम 60 करोड़ रुपये की सीड मनी, 3 लाख बच्चे व 51,000+ बिजनेस आइडियाज के साथ विश्व का सबसे बड़ा स्कूल एंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम रहा. यहां विभिन्न स्तर पर शॉर्ट लिस्टेड होते-होते 126 टीमों के 774 स्टूडेंट्स फाइनलिस्ट रहे. इन 774 स्टूडेंट्स में से 416 स्टूडेंट्स 12 वीं कक्षा में थे, जो इस साल स्कूल से पास हो जाएंगे. इन स्टूडेंट्स को दिल्ली के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों में सीधे प्रवेश पाने का विकल्प दिया जा रहा है, जिनमें NSUT, DTU, IGDTUW, DSEU, DPSRU, अम्बेडकर और IIIT-D शामिल हैं.
अर्थव्यवस्था को बदलेंगे स्टूडेंट्स- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्कूली शिक्षा के बाद अब उच्च शिक्षा के लिए हमारे बिजनेस ब्लास्टर्स की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्टूडेंट्स अब जो भी कदम उठाएंगे, उसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हर दौर की अपनी एक जरूरत रही है. ऐसे भी दौर रहे हैं जब स्कूलों में बच्चों को सैन्य ट्रेनिंग दी गई, क्योंकि वो उस दौर की जरूरत थी, लेकिन वर्तमान में भारत के सन्दर्भ में हमें अपने स्कूलों में बच्चों के अंदर एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट विकसित कर रहे हैं, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था को अव्वल बनाने और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए ये इस दौर की जरूरत है.
विश्व की कुल गरीब आबादी का 20% हिस्सा भारत में
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व की कुल गरीब आबादी का 20% हिस्सा भारत में है. हमारे देश के 27 करोड़ लोग प्रतिदिन 35 रुपए से भी कम कमाते हैं और देश के 12 करोड़ युवा बेरोजगार हैं. जहां ब्राजील जैसे विकासशील देशों की सालाना प्रतिव्यक्ति आय 6 लाख रुपए, अमेरिका की 45 लाख रुपए है, वहीं भारत की प्रतिव्यक्ति आय केवल 1 लाख है. ऐसे में हमारे सभी स्टूडेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में वे जो कुछ भी करेंगे, उसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. उन्हें देश में बेरोजगारी की बढ़ती दर, घटती प्रति व्यक्ति आय और देश की चरमराती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि वे देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में काम कर सकें. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को एडमिशन देने वाले विश्वविद्यालयों को भी यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे अपने यहां नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले तैयार करें.
रोजगार की लाइन में लगे युवा कभी भी किसी देश की शक्ति नहीं बन सकते- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि रोजगार की लाइन में लगे युवा कभी भी किसी देश की शक्ति नहीं बन सकते. ऐसे में 400 स्टूडेंट्स की ये टीम मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मैं उन्हें भारत के 39 करोड़ लोगों की इस समस्या को दूर करने वाले के रूप में देखता हूं. उन्होंने कहा कि जापान और जर्मनी जैसे देश जिन्होंने युद्ध की भयानक विभीषिका देखी और बर्बाद हो गए अगर आज वो एक विकसित देश बन सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे युवा तैयार करने हैं, जो भारत में गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां बनाकर लाखों लोगों को रोजगार दे सकें. इसलिए अब उद्यमिता का रास्ता अपनाकर शिक्षा के माध्यम से देश की सभी समस्याओं का समाधान करना होगा.
विश्वविद्यालयों द्वारा स्टूडेंट्स को ऑफर किए जा रहे कोर्सेज में बीबीए इन इनोवेशन एंत्रप्रेन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट, बीबीए इन डिजिटल मीडिया और बीए इन डिजाइन, बीसीए, बीएससी डेटा एनालिटिक्स जैसे लगभग 40 कोर्सेज शामिल हैं. इनमें से अधिकांश कोर्सेज के लिए पात्रता मानदंड बुनियादी है, जिसके लिए कक्षा 12 वीं में लगभग 50% अंकों की आवश्यकता होती है. कुछ टेक्निकल कोर्सेज के लिए स्पेसिफिक एलिजिबिलिटी है, जैसे डीपीएसआरयू में बीबीए हेल्थकेयर के लिए 11-12वीं में साइंस स्ट्रीम की होना आवश्यक है. ओरिएंटेशन प्रोग्राम में दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग समिति की चेयरपर्सन व कालकाजी विधायक आतिशी, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, एनएसयूटी के उपकुलपति प्रो जेपी सैनी, डीएसईयू की उपकुलपति प्रो निहारिका वोहरा और IGDTW की उपकुलपति डॉ अमिता देव उपस्थित रहे.
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ऐसे शुरू हुआ बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम
इस कार्यक्रम के पायलट के तहत छात्रों को शुरू में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए 1000 रुपए की सीड मनी दी गई थी. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए विस्तार किया गया और 11वीं-12वीं में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र स्टूडेंट्स को भी 2000 रुपए की सीड मनी दी गई. बिज़नेस ब्लास्टर्स के पहले साल में 3 लाख से अधिक स्टूडेंट्स से 50,000+बिज़नेस आइडियाज मिले, लेकिन इसमें से केवल 126 सर्वश्रेष्ठ बिज़नेस आइडियाज ही 5 मार्च 2022 को आयोजित बिज़नेस ब्लास्टर्स एक्सपो एंड समिट में अंतिम जगह बना सके. यहां स्टूडेंट्स ने देश भर के निवेशकों को अपने बिज़नेस आइडियाज से अवगत करवाया और उसके लिए करोड़ों के ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ प्राप्त किए.
वर्तमान में क्या है स्थिति
वर्तमान में बिजनेस ब्लास्टर्स का दूसरा साल शुरू हो चुका है, साथ ही पिछले साल के अधिकांश छात्र अपने व्यवसाय को जारी रखने की योजना बना रहे हैं. फाइनल में से 60 टीमों को चुना गया है, जिन्हें दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी में शुरू किए गए नए इनक्यूबेशन सेल के तहत इनक्यूबेट किया गया है. साथ ही फाइनलिस्ट 126 टीमों के स्टूडेंट्स जो 12वीं कक्षा में थे, उन्हें केजरीवाल सरकार द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में सीधे प्रवेश की पेशकश की गई है. साथ ही इस साल से दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूलों में भी बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरुआत की गई है.
दिल्ली सरकार की किन यूनिवर्सिटीज में बिज़नेस ब्लास्टर्स के फाइनलिस्ट को मिलेगा सीधा दाखिला
-> नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी
-> दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी
-> इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन
-> दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी
-> अम्बेडकर यूनिवर्सिटी
-> दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी
-> इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली
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