नीमच/मुरैना। मध्यप्रदेश में बीते दिनों से बारिश जारी है। भारी बारिश के कारण कई जिलों में जलभराव की स्थिति है। खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। जलभराव के कारण दो मंजिला ढह गया है। जल भराव से परेशान लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध जताया।

आकाश श्रीवास्तव, नीमच। जिले में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों का हाल बेहाल कर दिया है। खेतों में कटी पड़ी फैसलें बारिश के कारण खराब हो रही है। बारिश के कारण कई खेत तो तालाब बन गए हैं। किसानों ने प्रशासन से उचित मुआवजे व बीमे की मांग की है।

दरअसल नीमच जिले में बीते 2 दिनों से हो रही बारिश के चलते किसानों की फसलें खराब हो गई है। खेतों में पड़ी सोयाबीन, मक्का, उड़द जैसी फसलें को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। खेतों में पानी भर जाने से खेत तालाब बन चुके हैं। किसानों का कहना है कि अगर इसी तरह उपज पानी में भीगी रही तो अंकुरित होकर खराब हो जायेगी। बारिश की वजह से खराब हुई फसल की गुणवत्ता भी कम हो जाती है जिससे मंडियों में भाव और कम मिलेंगे। पहले ही सोयाबीन के भाव मंडियों में कम मिल रहे हैं ऊपर से बारिश ने और किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें उचित मुआवजा व बीमा दिया जाए।

मनोज उपाध्याय, मुरैना। जलभराव के चलते जिले के बड़ोखर में दो मंजिला मकान ढ़ह गया। मकान ढहने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बताया जाता है कि पिछले चार वर्षो से भू माफिया ने मकान के बगल से गड्ढा खोद रखा है जिसके कारण मकान की नींव कमजोर होने से गिर गया। लगातार शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। इधर जल की समस्या को लेकर लोगों ने सड़क पर चक्काजाम कर दिया। बड़ोखर माता के पास बहुत बड़े क्षेत्र में जलभराव हो गया है। स्थानीय निवासियों को आवागमन में परेशानी हो रही हैं। नगर निगम में कई बार लिखित में शिकायत कर चुके हैं। देर रात के समय दो मंजिला मकान भी जलभराव के कारण ढ़ह गया। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते लोगों ने यह कदम उठाया है। समाचार के लिखे जाने तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे।

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