रायपुर। स्वामी अभिरामदास पर एक महिला ने अपने पुत्र को बरगलाकर सन्यास के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए रायपुर एसएसपी से शिकायत की थी. इस आरोप के जवाब में महिला के पुत्र और स्वामी के शिष्य ने वीडियो संदेश जारी कर अपने बालिग होने का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी उन्नति के लिए गुरुजी से दीक्षा ली है.

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महिला के आरोप पर राधाकृष्णालय लोक न्यास की ओर से सफाई दी गई है कि स्वामी अभिरामदास अपने साथ महिला के पुत्र प्रशांत बारबुरिक को अपने नहीं ले गए हैं. शिष्य वृंदावन जाने की इच्छा रखता था, लेकिन गुरुजी ने यहां रहकर स्वावलंबी होने और अपने परिवार की सेवा का निर्देश दिया था.

लोक न्याय की ओर से बताया गया कि गुरुजी के बारे में इस तरह की बातें सोशल मीडिया में दुष्प्रचार करने वाला उनका सौतेला ममेरा भाई है, जो बचपन से महाराज के प्रति ईष्या और द्वेष रखता है. गुरुजी प्रशांत बारबुरिक को अपने साथ वृंदावन नहीं ले गए हैं, यह अभिराम दास को बदनाम कर आपराधिक षड़यंत्र में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.

बता दें कि महिला प्रमिला बारबुरिक ने संत अमनदत्त ठाकुर उर्फ अभिरामदास पर आरोप लगाया था कि उनके छोटे पुत्र प्रशांत कुमार बाबुरिक को धर्म के नाम पर बरगला कर उसे सन्यास के लिए उकसाया. परिवार का कहना है कि उक्त बाबा भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर वृंदावन के आश्रम में ले जाता है, जहां उन्हें नौकरों की तरह काम करने के लिए मजबूर किया जाता है.

सुनिए वीडियो संदेश –