रायपुर. छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल का कहना है कि 100 रुपये का शुल्क शिक्षा विभाग ने तय किया है. हास्यास्पद बात है कि जिन्हें प्रश्नपत्र देना है, उनसे भी तो प्रस्ताव लिया गया होगा. उन्होंने ही 100 रुपये का प्रस्ताव दिया होगा, जिसके बाद ही आदेश जारी किया गया है. ज्यादा शुल्क लेने की जिम्मेदारी बोर्ड को ही जाता है.

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के विभिन्न समिति में शामिल जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविद व शिक्षक सदस्य को आगे आकर छात्रहित व शाला हित में बोर्ड को सुझाव देकर शुल्क कम करने हेतु कार्य करना चाहिए.

शिक्षा विभाग ने शाला कलेंडर तय किया है. पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. ऐसे में स्थानीय परीक्षा के अर्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा लेने का अधिकार शाला प्रमुख को दिया जाना चाहिए. इससे परीक्षा प्रश्नपत्र हेतु अधिक शुल्क व प्रश्नपत्र की गोपनीयता का मामला शाला प्रमुख की जिम्मेदारी होगी. इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा वांछित निर्देश भी दिया जा सकता है. जिला शिक्षा अधिकारी मॉनिटरिंग भी कर सकते हैं.

ज्ञात हो अर्धवार्षिक व वार्षिक के स्थानीय परीक्षा हेतु उत्तरपुस्तिका स्कूल को हो देना है और उत्तर पुस्तिका का खर्च ही अधिक है. इसके साथ ही शाला को अंकसूची, पेड़, फाइल, परीक्षाफल पंजी, अलग अलग रजिस्टर, परीक्षा सूची, कक्ष व्यवस्था पत्रक, सील पेड़, स्टेपलर, धागा, पिन, कार्बन, पेंसिल, पेन, आदि कई वस्तु क्रय करना होता है,, बड़ी बात यह भी है कि इस वर्ष शासन ने त्रैमासिक परीक्षा स्थगित करने की जब सूचना दी तो, कई शाला में परीक्षा संचालित हो रहा था,,जिसमे भी राशि खर्च हो चुके हैं.

मंडल द्वारा 10 वी व 12 वी बोर्ड के वार्षिक परीक्षा हेतु प्रत्येक छात्र से 330 रुपये से लेकर 510 रुपये तक अलग से परीक्षा शुल्क लिया जाता है. वर्तमान में अर्धवार्षिक, वार्षिक परीक्षा के लिए 11 वी हेतु 100, 9 वी हेतु 80, 12 वी हेतु 50 रुपये प्रति छात्र शालाओ से मंडल को शुल्क दिया जाना है.

यह ध्यान देने योग्य तथ्य है कि मंडल एक परीक्षा के लिए एक छात्र को प्रश्नपत्र 50 रुपये में उपलब्ध करा रहा है,,इससे पहले जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 25 रुपये में व शाला प्रमुखों द्वारा 13 रुपये में प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया जाता है.

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मंडल के अध्यक्ष व सचिव से मांग किया है कि छात्रहित व शाला हित मे वर्तमान तय किये गए शुल्क पर पुनर्विचार करने हेतु प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दें अथवा अर्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा को स्थानीय स्तर पर शाला प्रमुख को लेने हेतु निर्देश दिया जाए. यह स्थिति बिल्कुल नही बनना चाहिए, की शाला प्रमुख द्वारा आगे जाकर छात्रों से परीक्षा सामग्री व व्यवस्था के लिए और अतिरिक्त राशि ली जाए.