गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। नव गठित जीपीएम जिले में पर्यटन विकास की बेहतर संभावनाओं को ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन स्थलों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कराया जा रहा है. गुरुवार को गौरेला जनपद के पर्यटन स्थल ठाड़ पथरा में पर्यटन को बढ़ावा देने स्थानीय पर्यटन समिति को प्रशिक्षण दिया गया और बनमनई नेचर कैंप का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जंगल ट्रैकिंग के लिए इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के 40 विद्यार्थियों सहित अन्य पर्यटकों की भी सहभागिता रही.

कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक पर्यावरणविद संजय पयासी ने सैलानियों और विद्यार्थियों को अमरावती गंगा नदी के किनारे रिवर वॉक कराया और जिले की जैव विविधता, नदियों के उद्भव की कहानी सहित दहीमन, कुरकुट, अर्जुन, अमलताश, सेमल, साल आदि दुर्लभ और औषधीय वृक्षों को पहचानना सिखाया और ठाड़पथरा स्थित अमरावती नदी के किनारे किनारे कमरापथरा से माई के मंडप तक ट्रेकिंग कराई गई.

गौरतलब है कि माई के मंडप से जुड़ी नर्मदा के विवाह की कहानी लोक में प्रचलित है.इसे दुनिया का पहला विवाह मंडप माना जाता है. इस कहानी से जुड़े प्रमाण के रूप में पत्थरों में बारात के बरतन की आकृतियों को देखकर पर्यटक रोमांचित हुए. सैलानियों ने माई के मंडप में स्थित झरने का लुत्फ लिया. ट्रैकिंग और स्नान की थकान के पश्चात पर्यटकों ने स्थानीय पर्यटन समिति द्वारा बनाए गए देशी भोजन का आनंद माहुल पत्ती से बने पत्तल में उठाया. इसके बाद ठाढ़पथरा में मड हाउस स्थित झील के किनारे कैंप फायर का आयोजन किया गया. पैडल बोट से झील में पर्यटकों ने चांदनी रात में बोटिंग का आनंद लिया.

इस दौरान स्थानीय बैगा महिलाओं द्वारा आदिवासी लोकगीत और नृत्य की प्रस्तुति दी गई. उपस्थित लोगो ने भी लोकगीत एवं नृत्य में सहभागी बने. साथ ही अपने अनुभवों को साझा करते हुए स्टोरी टेलिंग सेशन का एंजॉय किया.