दुर्ग। मेसर्स लैंडमार्क एसोसिएट्स द्वारा गुणवत्ताहीन दोषपूर्ण फ्लैट बनाकर देने को उपभोक्ता के प्रति व्यवसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने बिल्डर संस्थान के पार्टनर सुभाष कुशवाहा भिलाई के खिलाफ 31 अलग अलग प्रकरणों में आदेश पारित किया. जिसके तहत अनावेदक बिल्डर पर 62 लाख 31 हजार रुपये हर्जाना लगाया. साथ ही अपार्टमेंट और फ्लैट में हुए दोषपूर्ण एवं गुणवत्ताहीन निर्माण को दुरुस्त करने के लिए 6 माह का समय दिया है.

ग्राहकों की शिकायत

अनावेदक बिल्डर के खिलाफ एक ही अपार्टमेंट के 31 अलग-अलग परिवादियों ने यह शिकायत प्रस्तुत की थी कि उनके फ्लैट में वेक्ट्रीफाइड टाइल्स की जगह सिरेमिक टाइल्स लगाई गई है, मॉड्यूलर स्ट्रक्चर नहीं बनाया गया, सेरेमिक टाइल्स 4 फीट की जगह कम ऊंचाई की लगाई गई, सेनेटरी सामान की क्वालिटी खराब है, प्रवेश द्वार में मार्टिस लॉक नहीं है, इलेक्ट्रिक वायरिंग सही नहीं की गई है, मीटर रूम खुला हुआ है, बिजली के वायर खुली हालत में है, सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं की गई है, पार्किंग और सिक्योरिटी प्रबंध नहीं है, सम्पवेल का निर्माण अधूरा है, टंकियों में प्लास्टर नहीं किया गया है, लिफ्ट बंद है, बाउंड्री वॉल में प्लास्टर नहीं है, सीढ़ियां अधूरी एवं जर्जर है तथा कार्य पूर्ण कर नगर निगम को कॉलोनी का हस्तांतरण नहीं किया गया है।

प्रकरण में विचारण के पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर द्वारा यह आदेश पारित किया गया कि परिवादियों के अभिकथनों का कोई भी खंडन अनावेदक ने नहीं किया है, अनावेदक बिल्डर ने अनुबंध के साथ निर्माण संबंधी जो अनुसूची प्रदान की थी उस अनुसूची के अनुसार दर्शाए गए सभी काम बिल्डर को 6 माह में पूरे करने होंगे, साथ ही तय अनुसूची के अनुसार फ्लैट में सामानों को और मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध नहीं कराने से अपने जीवन की गाढ़ी कमाई खर्च करने के बावजूद ग्राहक को स्वच्छ पानी एवं हवा प्राप्त नहीं हो रही है ना ही उन्हें बिना बाधा के बिजली और अन्य उल्लेखित सुविधाएं मिल पा रही हैं, ग्राहकों को लंबे समय से घोर मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है, इस कारण प्रत्येक परिवादी को 2 लाख रुपये मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति स्वरुप और 1 हजार रुपये वाद व्यय अदा करने का आदेश दिया गया, 31 परिवादियों में से हर एक को 200000 के हिसाब से 62 लाख रुपये मानसिक पीड़ा के एवज में एवं 31 हजार रुपये वाद व्यय मिलाकर कुल 62.31 लाख का हर्जाना बिल्डर पर लगाया गया है।

शिकायतकर्ता/परिवादियों में से प्रत्येक को मिलेगा 201000 रुपये हर्जाना

प्रिंस देवांगन, स्वाति पांडे, रेखा चंद्रा, ज्योति संजय द्विवेदी, दिलीप देवांगन, देवी प्रसाद मिश्रा, नवनीत कुमार शुक्ला, अखिलेश कुमार, वैष्णव, ज्योति साहू, सुनीता प्रकाशचंद जैन,कल्पना मुकुंद पांडे,मंजुला शशिकांत अग्रवाल, मारुति मनुजी रोहट, यामिनी साहू, लाल बहादुर राय, संतोष शशिकला साहू, राहुल अग्रवाल, नीलाद्री घोष, दीपिका पाल, कालीराम संतकला बोरकर, राजकुमार दुबे, हिमांचल मिश्रा, रमेश श्रीवास, जितेंद्र कुमार चतुर्वेदी, खेमबाई मोहनलाल गजेंद्र, भानुमति ऋतुराज चतुर्वेदी, जयंत राजपुरोहित, भगवती चंद्राकर, सरस्वती सुरेंद्र देवांगन,. दिलीप कुमार चंद्राकर,जया अशोक सोनी.