रोहित कश्यप, मुंगेली. पालकों का मानना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती. अधिकारी द्वारा कारण गिनाया जाता है कि स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं है. लेकिन जहां पर्याप्त शिक्षक है, वहां भी पढ़ाई नहीं हो रही है. ये गंभीर लापरवाही मुंगेली जिले में उजागह हुई है. जिला शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में प्राचार्य समेत 11 शिक्षक नदारद रहे. सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

दरअसल मुंगेली कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को स्कूलों की शिकायत मिलने पर मामले को गंभीरता से लिया और जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज को औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया. इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने गुरुवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पदमपुर का निरीक्षण किया. इस दौरान स्कूल के प्राचार्य एनके चंद्रा समेत 11 शिक्षक अनुपस्थित मिले. जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य सहित शिक्षकों की अनुपस्थिति को उनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता मानते हुए इसे सिविल सेवा आचरण नियम के विरूद्ध बताया. बता दें कि प्राचार्य एनके चंद्रा पहले जिला शिक्षा अधिकारी रह चुके हैं.

डीईओ ने प्राचार्य सहित सभी शिक्षकों को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस का तीन दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए हैं. शिक्षकों का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

प्रार्थना में केवल दो शिक्षक थे

जिला शिक्षा अधिकारी भारद्वाज ने बताया कि निरीक्षण के दौरान प्रार्थना में केवल दो शिक्षक उपस्थित थे. इसके बाद व्यायाम शिक्षिका शीला जायसवाल,  व्याख्याता पंचायत रमेंद्र लहरे और आशा आडिले विद्यालय में उपस्थित हुए. निर्धारित अवधि में उपस्थित नहीं होने को अनुशासनहीनता की श्रेणी मानते हुए शीला जायसवाल, व्याख्याता पंचायत रमेंद्र लहरे और आशा आडिले सहित विद्यालय में अनुपस्थित पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और विद्यालय के प्राचार्य चंद्रा, व्याख्याता मालिकराम मेहार,  व्याख्याता एलबी रामनिवास पटेल,  राधेश्याम साहू, रविशंकर नामदेव,  डॉ. सलीम जावेद,  लुकेश कुमार सोनवानी एवं एस सोनवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.