न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। एक ओर जहां मध्य प्रदेश सरकार गरीब कमजोर वर्ग को मुफ्त सरल इलाज देने का दावा करती है, तो दूसरी ओर सरकार के इस दावे को जिला अस्पताल अनूपपुर पलीता लगाते हुए नजर आ रहा है। यहां गरीब इलाज के लिए तरस रहा है और मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल में महंगे इलाज करवाने पर विवश है। ताजा मामला अमलाई बसंतपुर का रहने बाला जमुना प्रसाद का हैं। जिसका पैर टूट गया था उसे डॉक्टर की इसी लापरवाही का शिकार होना पड़ा और अब वह दर दर भटक रहा है।
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अनूपपुर जिला अस्पताल अक्सर विवादों में बना रहता है। एक बार फिर एक गरीब मरीज जमुना प्रसाद जिसका पैर टूटा हुआ था, उसे ऑपरेशन करने के नाम पर पहले एक सप्ताह तक भर्ती रखा और जिस दिन आपरेशन की डेट आई तो जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ के बी प्रजापति द्वारा आईसीयू में व्यवस्था ना होना कह कर ऑपरेशन करने से मना कर दिया।
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परिजनों का आरोप है कि एक सप्ताह से गंभीर हालत में मरीज को भर्ती रख हर दिन कोई ना कोई इलाज से जुड़ी सामग्री मंगाई गई और अब एक सप्ताह बाद मेडिकल कालेज रिफर किया जा रहा। उनका कहना है कि वो आर्थिक रूप से कमजोर है और घर चलाने बाला मरीज जमुना एक ही व्यक्ति है। पत्नी ने बताया कि उन्हें ऑपरेशन के नाम पर धोखे में रखा गया और इलाज ना करने का डॉक्टर बहाना कर रिफर कर रहे हैं।
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