धमतरी-  रेत माफियाओं द्वारा तथाकथित जिला पंचायत सदस्य के साथ मारपीट किए जाने के मामले में एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर जयप्रकाश मौर्या को सौंप दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रेत उत्खनन एवं भंडारण क्षेत्र में घटित मारपीट की घटना प्रथम दृष्टया दो पक्षों का विवाद है, न कि अवैध उत्खनन का. पूरे प्रकरण में पुलिस विवेचना कर रही है. इधर इस पूरे मामले ने सियासी रंग ले लिया है. आरोप लग रहे हैं कि राजनीतिक संरक्षण में न केवल रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है, बल्कि इसकी आड़ में जबरन उगाही की जा रही है. 

रेत माफियाओं द्वारा जिला पंचायत सदस्य से मारपीट की घटना मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा था. एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में अवैध रेत खनन से इंकार किया है. इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर की ओर से जारी बयान में यह बताया गया है कि तथाकथित मारपीट अशोक पवार के अस्थायी भंडारण क्षेत्र में हुई है. जब यह घटना घटी, तब नदी क्षेत्र में उत्खनन की कार्यवाही नहीं हो रही थी, न ही नदी क्षेत्र से किसी वाहन को जप्त किया गया. छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन तथा भंडारण) नियम 2009 के कंडिका 3 के तहत भंडारण क्षेत्र की जांच के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.  इनसे इतर व्यक्ति/अधिकारी भण्डारण क्षेत्र में अवैध प्रवेश नहीं कर सकता है, यदि किसी व्यक्ति को शिकायत है तो सक्षम प्राधिकारी को सूचना दे सकता है. इस घटनाक्रम के अवलोकन से स्पष्ट है कि अशोक पवार के मंदरौद स्थित अस्थायी अनुज्ञा भण्डारण क्षेत्र में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा नियम विरूद्ध प्रवेश किया गया, जिससे यह घटना घटित हुई.  कलेक्टर ने कहा है कि जांच के उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस पूरे मामले में यह सवाल भी उठ रहा है कि इस मामले में भंडारण क्षेत्र में काम करने वाले गरीब मजदूरों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट लगा दिया गया है. जबकि माइनिंग एक्ट के तहत किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि बुधवार की देर रात कुरूद विकासखंड के ग्राम मंदरौद में रेत के अवैध उत्खनन क्षेत्र में मारपीट की घटना घटी थी. बताया जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्य को शिकायत मिली थी कि रेत का अवैध खनन हो रहा है. देर रात वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे. वहां मौजूद रेत माफियाओं और उनके गुर्गों ने बेरहमी से पिटाई कर दी. जिला पंचायत सदस्य गोविंद साहू ने अपने बयान में यह बताया था कि रेत का खनन कर रहे रेत माफिया और उनके गुर्गों ने गालीगलौच की. अन्य साथी वहां पहुंचे, तब तक मारपीट करने वाले भाग गए. हालांकि जिला खनिज अधिकारी सनत साहू ने कहा कि सूचना मिलने पर वह अपने स्टाॅफ के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे. मारपीट जैसी कोई घटना नहीं घटी है. हमारी टीम जनप्रतिनिधियों के साथ थी. उन्होंने कहा कि यह जरूर हुआ होगा कि निजी भंडारण क्षेत्र के भीतर दाखिल होने पर विवाद हुआ हो.

पूर्व मंत्री बोले- धमतरी जिला राजनीति के अपराधीकरण की ओर बढ़ रहा

इधर इस मामले में पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर का बयान सामने आया है. उन्होंने रेत के अवैध खनन में संगठित राजनीतिक संरक्षण दिए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक्सटार्शन, लूट, डकैती, धमतरी जिला इन सब के लिए मानसिक रूप से तैयार रहे. क्योंकि शायद यह सिलसिला अब यहां निरंतर चलता रहेगा. आम नागरिकों से निवेदन है कि पुलिस से अपेक्षा बिल्कुल न करें. धमतरी जिला राजनीति के अपराधीकरण की ओर बढ़ रहा है.