अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में कई अस्पताल गड़बड़ी कर रहे हैं. जिसकी शिकायतें भी सामने आती है. इसे लेकर शिवराज सरकार ने अब सख्त कदम उठाया है. राज्य सरकार आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने ऑडिट कराएगी. जिससे योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके. इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना में ही फर्जीवाड़े को लेकर वैष्णो मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के संचालक विवेक परिहार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.

आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने ऑडिट कराएगी सरकार

दरअसल आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राज्य सरकार ऑडिट आएगी. स्टेट हेल्थ एजेंसी तीन लाख से अधिक इलाज में खर्च होने वाले मरीजों का वेरिफिकेशन करेगी. 6 महीने पहले भी राज्य सरकार ने एजेंसी के जरिए वेरिफिकेशन कराया था. अस्पतालों में महंगे इलाज को लेकर भी जांच होगी. कई अस्पतालों ने अनापशनाप बिल दी जा रही है. जिसके बाद सरकार ने जांच की कवायद तेज कर दी है.

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विवेक परिहार के खिलाफ मामला दर्ज

आयुष्मान भारत योजना के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पताल पर राज्य सरकार ने शिकंजा कसा है. आयुष्मान भारत मध्य प्रदेश के सीईओ ने मामला दर्ज करवाया है. क्राइम ब्रांच ने डॉक्टर विवेक परिहार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. वैष्णो मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के संचालक विवेक परिहार है. डॉक्टर के एमबीबीएस मार्कशीट की भी जांच होगी. मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान योजना में भी फर्जीवाड़ा किया है. अस्पताल के नाम के लेटर मंत्रालय जाते थे.

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क्या है आयुष्मान भारत योजना ?

बता दें कि आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है. जिसे 1 अप्रैल 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया था. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 के बजट सत्र में इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल धारकों) को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए.

5 महीने के कलेक्शन के तहत 3120 करोड़ का भुगतान

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को जीएसटी कलेक्शन फंड जारी किया. मध्यप्रदेश के खाते में 5 महीने के कलेक्शन के तहत 3120 करोड़ का भुगतान हुआ है. पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल और मार्च में बड़ा जीएसटी कलेक्शन हुआ है. कई राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में कम केंद्र सरकार ने भुगतान किया है.

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