Diwali Decoration in Beshop’s House: दिवाली को ईसाई भी अपने-अपने तरीके से मनाएंगे. राजधानी दिल्ली के बिशप हाउस पर दिवाली पर आलोक सज्जा की जाएगी. दीये भी जलाए जाएंगे. यह भारत की विशेषता ही है.
बिशप हाउस क्या है? (Diwali Decoration in Beshop’s House)
ईसाई धर्म में , बिशप आमतौर पर सूबा के शासन के लिए जिम्मेदार होते हैं । बिशप की भूमिका या कार्यालय को एपिस्कोपेसी कहा जाता है । बिशप पादरी वर्ग का एक नियुक्त सदस्य होता है जिसे किसी धार्मिक संस्थान में अधिकार और निरीक्षण का पद सौंपा जाता है । संगठनात्मक रूप से, कई ईसाई संप्रदाय चर्च संरचनाओं का उपयोग करते हैं जो बिशप के पद की मांग करते हैं, जबकि अन्य संप्रदायों ने इस कार्यालय को शक्ति के प्रतीक के रूप में देखते हुए इसे त्याग दिया है। बिशपों ने राजनीतिक अधिकार का भी प्रयोग किया है।
यह देश के प्रोटेस्टेंट ईसाई समाज के प्रमुख बिशप का मुख्यालय है. यह नई दिल्ली के जयसिंह रोड पर है. दरअसल प्रकाश पर्व हमें अपने देश के पवित्र मूल्यों की हमारी परंपरा की याद दिलाता है. इसलिए हम अपने घरों के आगे अंधकार को दूर करने के लिए दीये जलाते है . इसी तरह हमें दिवाली पर अपने मन-मस्तिष्क से अज्ञानता का अंधेरा दूर करके ज्ञान रूपी प्रकाश फैलाना चाहिए.
दीपोत्सव पर राजधानी के ब्रदर्स हाउस में रहने वाले अविवाहित पादरी भी दीये जलाएंगे. इनका कहना है कि दिवाली और क्रिसमस जैसे पर्व अब धर्म की दीवारों को लांघ चुके हैं. इन्हें सब मनाते हैं. यहां पर रहने वाले पादरी मानते हैं कि रोशनी के इस पर्व को खुशियों का पर्व भी कहा सकता है.
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