रायपुर- राजधानी में लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का असर हुआ है. डीकेएस हॉस्पिटल में अब एंबुलेंस की संख्या 12 से घटाकर 5 करने जा रही है. दरअसल, पूर्व प्रबंधक ने कमीशनखोरी और अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए 12 एंबुलेंस रखा था, जो सिर्फ धूल खाती पड़ी रहती थी. जिसे लल्लूराम डॉट कॉम ने उजागर किया था, जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारी जागे, फिर अतिरिक्त 7 एंबुलेंस को शासन को सौंपने की कार्रवाई की जा रही है.
गौरतलब है कि कई मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटल में एंबुलेंस ही नहीं है और डीकेएस में सर्व सुविधा युक्त एंबुलेंश की 16 गाड़ी धुल खाती खड़ी है, जिसका कोई औचित्य नहीं है, इन गाड़ियों में कुछ एंबुलेंस मध्यप्रदेश का है. जिसके जांच की मांग को लेकर खबर को प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान लिया.
इस मामले में डीकेएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ कमल किशोर सहारे ने कहा कि 5 एंबुलेंस से काम चल सकता है, इसलिए बाकी एंबुलेंस को शासन को सौंपने की कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई है. कागजी कार्रवाई अभी बाकी है. और बाकी शिकायत पर अभी कार्रवाई जारी है.
हॉस्पिटल में औसतन दिन में लगभग 10 केस रेफर किया जाता है, जिसमें संजीवनी एक्सप्रेस का सहारा लिया जाता है. डॉ सहारे के मुताबिक एंबुलेंस कर्मियों का शोषण किया जा रहा है, जिसकी शिकायत उन्हें मिली थी.
आपको बता दें कि हॉस्पिटल में एंबुलेंस सेवा छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोशन से टेंडर हुआ है, फिलहाल सचिन आनंद मैनेजर द्वारा संचालन किया जा रहा है.