रायपुर। छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखी है. डॉ. राकेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से डीकेएस अस्पताल में घोटाला मामले में जाँच का दायरा बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि पिछले दिनों डी.के.सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल में घोटाला और उसकी जांच एक बड़ा जन चर्चा का विषय रहा है. आगे बढ़ रही जांच ने यह साबित किया है कि इस जांच और भी आयाम हो सकते हैं.

डॉ. राकेश गुप्ता ने अपने पत्र में जिन बिंदुओं के तहत जाँच की मांग की है उसमें-
1. डी.के.एस. सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक डॉ पुनीत गुप्ता ने डायलिसिस का टेंडर अन्य पांच मेडिकल कॉलेज के लिए भी वेंडर फर्म के साथ कर लिया है, डाॅ. पुनित गुप्ता इस कान्ट्रेक्ट अधिकार नहीं रखते थे. जिसकी अभी तक अनदेखी की गई है .सभी कॉन्ट्रैक्ट और टेंडर की जांच वित्तीय और विधि विशेषज्ञ से की जानी चाहिए.

2.डी.के.एस. सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल में लगाई गई मशीनें बाजार की प्रचलित दरों से अत्याधुनिक और उत्कृष्ट कंपनियों से परे हटकर कई गुना दरों पर खरीदी गई हैं, जैसे लिथोट्रिप्सी की उत्कृष्ट कंपनी की मशीनें अधिकतम अस्सी लाख रुपए तक आती है . लेकिन डीकेएस में यही मशीन चीन से आयातित कर लगभग ढ़ाई करोड़ में खरीदी गई . अब लिथोट्रिप्सी की तकनीक पूरे विश्व में अपने आप में आउटडेटेड हो चूकी है. इसी प्रकार कई गैरजरूरी मशीनें डीकेएस में खरीदी गई हैं.

3.पूरे टर्न की टेंडर की प्रोजेक्ट में भी बहुत बड़े घपले के आशंका है .

4. न्यूरो सर्जरी और माइक्रो सर्जरी के लिए प्रयुक्त होने वाला ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप जर्मनी की कार्ल जाइस द्वारा निर्मित 1.70 करोड़ ₹ देश में आसानी से उपलब्ध है. लेकिन मशीन को चीन से आयातित कर इसी कंपनी का यह माइक्रोस्कोप 2.5 करोड़ के आसपास का खरीदा गया. इसी प्रकार की खरीदी प्रदेश में अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में की गई है. डीकेएस सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल में खरीदी गई मशीनों की जांच उत्कृष्ट बायोमेडिकल इंजीनियर की मदद से कराया जाना जरूरी है, ताकि मशीन के अंदर लगे उपकरणों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता की जांच की जा सके.

डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि डीकेएस सुपर स्पेश्यालिटी के लिए बनाई गई जांच समिति उच्चाधिकारी प्राप्त नहीं थी. और उसने केवल कुछ बिंदुओं पर जांच की है. डॉक्टर गुप्ता ने मांग की है कि मुख्य सचिव की निगरानी में एक कमेटी बनाई जाए जो सीजीएमएससी और डीकेएस सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल में हुए संगठित घोटाले की जांच का दायरा बढ़ाएं और दोषियों की पहचान कर दंड दिलवाए.