रायपुर- डीकेएस सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल में करोड़ों रुपए के घोटाले के बाद अब एंबुलेंस सेवा में गड़बड़ी का आरोप लगा है. डीकेएस में कमीशन खोरी और अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए 16 एंबुलेंस रखा गया है. जिसमें तीन एंबुलेंस मध्यप्रदेश का है, जो धूल खाती पड़ी है. दूसरी ओर एंबुलेंस संचालक के निर्देश पर ड्राइवर और तत्कालिक कर्मचारियों से 12 घंटे ड्यूटी लिया जा रहा है.
पैरामेडिकल संघ के अध्यक्ष नरेश साहू ने कहा कि शहर के कई मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटल में एंबुलेंस ही नहीं है और डीकेएस में सर्व सुविधा युक्त एंबुलेंस की 16 गाड़ी धुल खाती खड़ी है, जिसका कोई औचित्य नहीं है. इन गाड़ियों में कुछ एंबुलेंस मध्यप्रदेश का है, जिसके जांच होने पर भ्रष्टाचार सामने आएगा.
इस मामले में डीकेएस के अधीक्षक डॉ कमल किशोर सहारे ने कहा कि एंबुलेंस सेवा के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोशन से टेंडर हुआ है, फिलहाल सचिन आनंद मैनेजर द्वारा संचालन किया जा रहा है. अस्पताल में इतने ज्यादा एंबुलेंस की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि यहां औसतन दिन में लगभग 10 केस रेफर किया जाता है, जिसमें 108 और संजीवनी एक्सप्रेस का सहारा लिया जाता है.
डॉ सहारे के मुताबिक एंबुलेंस कर्मियों का शोषण किया जा रहा है, जिसकी शिकायत उन्हें मिली थी, जिसको गंभीरता से लेते हुए संचालक को नोटिस भेजा गया था. तो वहीं ड्राइवर ने बताया कि उनसे जबरन 12 घंटे ड्यूटी लिया जा रहा है. इसकी शिकायत अधीक्षक से भी की गई है, शिकायत करने पर जिम्मेदार व्यक्ति मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं.