रायपुर. कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर भुरे की लगातार समीक्षा और निरीक्षण से जिले के राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी आ गई है. जिले में पिछले दो महीने में लगभग 6 हजार लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण हुआ है. पिछले दो महीने में राजस्व संबंधी 3 हजार 659 नए प्रकरण भी न्यायालयों में दर्ज किए गए हैं. प्रकरणों के निराकरण से पिछले दो महीने में ही ऐसे 2 हजार 275 प्रकरणों का निपटारा भी हो गया है, जो लंबे समय से न्यायालयों में लंबित थे. इस हिसाब से जिले के राजस्व न्यायालयों में लंबे समय से पेंडिग पड़े प्रकरणों में 18 प्रतिशत से अधिक की कमी हुई है.

जिले में पदस्थ एसडीएम, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने अभियान चलाकर पिछले दो महीने में ही 5 हजार 934 लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण कर दिया है. इन प्रकरणों में अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, किसान किताब बनाना, फौती-खतौनी जैसे प्रकरण शामिल हैं. कलेक्टर डॉ.भुरे ने जिलेवासियों और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों के जमीन-जायदाद संबंधी मामलों के तेजी से निराकरण के लिए राजस्व अधिकारियों की सराहना की है. डॉ.भुरे ने सभी अधिकारियों को जनता की सहुलियत के लिए राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में यथासंभव निराकरण करने के निर्देश भी दिए हैं. जिले के राजस्व प्रभारी अपर कलेक्टर से मिली जानकारी के अनुसार 5 जुलाई को रायपुर जिले की सभी 6 तहसीलों और राजस्व न्यायालयों में 12 हजार 373 राजस्व प्रकरण लंबित थे.

कलेक्टर डॉ.भुरे ने अपने निरीक्षण के दौरान विस्तृत कार्य योजना बनाकर इन लंबित प्रकरणों के साथ-साथ नए पंजीयन होने वाले प्रकरणों को मिलाकर लंबित प्रकरणों के का तेजी से निराकरण करने के निर्देंश दिए थे. दो महीनों में जिले में 3 हजार 659 नए प्रकरण दर्ज किए गए. सितम्बर माह के पहले सप्ताह में लंबित और नए दर्ज प्रकरणों को मिलाकर निराकरण के लिए राजस्व न्यायालयों को 16 हजार 32 प्रकरण मिले. इनमें से सितम्बर माह के पहले सप्ताह तक 5 हजार 934 प्रकरणों का निपटारा राजस्व अधिकारियों ने कर दिया है. सितम्बर माह के पहले सप्ताह में 10 हजार 98 प्रकरण निराकरण के लिए लंबित बचे हैं. पिछले दो महीनों में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में रायपुर तहसील न्यायालय अव्वल रहा है. जहां लंबित और नए प्रकरणों को मिलाकर पिछले दो महीने में सर्वाधिक 3 हजार 842 मामलों का निपटारा हुआ है. आरंग में 705, अभनपुर में 423, तिल्दा में 522, गोबरा-नवापारा में 194 और खरोरा तहसील में 248 लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण कर आमजनों को बार-बार कार्यालय आने सहित अन्य कई प्रकार के असुविधाओं से छुटकारा मिला है.