गोपाल कृष्ण नायक, खरसिया. विकासखंड खरसिया के दक्षिणी छोर में स्थित ग्राम छोटे मुड़पार के ग्रामीणों ने बैनर लगा कर मतदान नहीं करने के साथ जनप्रतिनिधियों से वोट नहीं मांगने की अपील किए है. ग्रामीणों ने बताया कि मुड़पार गांव को सरकार और प्रशासन के द्वारा उपेक्षित किया गया है. सड़क निर्माण और मूलभूत सुविधाओं को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अमले तक को ज्ञापन दिया गया. मगर अब तक विकास कार्यों में लापरवाही बरती गई. जिससे नाराज ग्रामीणों ने बुधवार ग्राम प्रवेश के सड़क मार्ग के पास बैनर लगाकर मतदान के बहिष्कार का उल्लेख किया है.

नाराज ग्रामीणों ने कहा कि बरसात के दिनों ग्रामीण कैदियों की तरह जीवन यापन के लिए विवस थे. गंभीर बीमारी में मुख्यमार्ग तक ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. फिसलन भरे रास्ते में कई लोग चोटिल हो चुके है. वहीं इस मौसम में धूल के कारण मार्ग से निकलना मुश्किल हो रहा है.

क्षेत्रवासियों ने शासन और प्रशासन से मिलकर कई बार अपील, ज्ञापन,धरना प्रदर्शन किया किंतु न तो शासन प्रशासन की कांनो में जू तक नहीं रेंगा. विधानसभा चुनाव के घोषणा होने के कुछ दिनों पूर्व स्थानीय विधायक उमेश पटेल द्वारा युवा कांग्रेसियों के साथ इस सड़क निर्माण हेतु दिये गये धरना प्रदर्शन में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कर्मचारी के साथ खरसिया अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के प्रतिनिधि के रूप में खरसिया तहसीलदार अवंती गुप्ता प्रशासन को अवगत करा कर जल्द सुधार करने की आश्वासन तों दिया गया था परंतु ढाक के तीन पात रहे.

निर्वाचन आयोग की अपील का बहिष्कार 

विधानसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान करने के लिए जहां प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कैंप और जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से मतदान करने की अपील की जा रही है. वही ग्रामीणों के द्वारा विकास कार्यों की उपेक्षा का शिकार का आरोप लगाते हुए मतदान के बहिष्कार जैसी बाते सामेने आ रही है. बता दें कि मतदान बहिष्कार करने का प्रदेश भर दर्जन भर से अधिका गांव के लोग कर चुके है. वही ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधी यदि बात नहीं सुने तो, प्रशासनिक अमेले को ग्रामीण क्षेत्रों मे जा कर वहां की स्थितियों को समझना चाहिए.

जनप्रतिनिधियों से वोट नहीं मांगने की अपील

ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए इस बैनर में विधानसभा चुनाव प्रचार के आने वाले विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं से वोट नहीं मांगने की अपील के साथ जनप्रतिनिधियों  को गांव से रवाना कर दे रहे है. गौरतलब है कि ग्रामीणों के इस साहसिक रवैये के कारण जनप्रतिनिधी अब गांव में जा कर वोट मांगने से हिचक खा रहें है.