गाय के गोबर और गोमूत्र से पैदा होने वाली कीटनाशक, फसलों के लिए अच्छी होती है और इस खाद से उगने वाली सब्जियां सेहत के लिए अच्छी होती है. कृषि वैज्ञानिकों की राय है कि इन दोनों खाद का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें.
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बने रहती है
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि मिट्टी में पौधों के लिए जरूरी तत्व पहले से ही मौजूद हैं, उसे गाय के गोबर और गौमूत्र से एक्टिव किया जा सकता है. रासायनिक खाद के उपयोग से ये नष्ट हो जाते है. गोबर और गौमूत्र में मिट्टी को उपजाऊ शक्ति देने की क्षमता होती है. कई शोध में इस बात को साबित किया जा चुका है कि ये दोनों मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को वापस भी ला सकती है.
आर्गेनिक सब्जियां सेहत के लिए क्यो बेहतर मानी जाती है?
रासायनिक खाद से उगी सब्जियां खाने से पाचन संबंधी गड़बड़ियां बढ़ती हैं, इनका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि सब्जियों को धोने के बाद भी इनका प्रभाव पूरी तरह से खत्म नहीं होता, इसलिए लोगों का रुझान ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ रहा है. इससे आपका स्वास्थ्य हमेशा सही रहता है.
घर पर ऐसे बनाए गोबर और गौमूत्र खाद
- कृषि विभाग के मुताबिक भारतीय नस्ल की गाय के एक लीटर गोमूत्र को एकत्रित कर 40 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर खेत में या अपने घर के गमलें में डाल सकते है.
- 1 किलो गोबर, 1 लीटर गोमूत्र में चोकर और गुड़ मिलाइए, इसमें 2 लीटर पानी डालकर इस मिश्रण का छिड़काव अपने पैधों या फसलों में कर सकते है.
- ठीक इसी तरह गौमूत्र और गोबर में बेकार या सड़े दाल वगैरह, लकड़ी का बुरादा मिलाकर भी खाद तैयार कर सकते है. ये पौधे की जड़ों में कैल्शियम की पूर्ति करते है.
ध्यान रखें इन बातों का
- गोबर खाद को फसलों की बुवाई से 3 से 4 हफ्ते पहले दिया जाना अच्छा माना जाता है.
- खाद डालने के बाद खेतों मे पानी की सिंचाई करना चाहिए, जिससे खाद अच्छी तरह से फैल जाए.
- खाद बनने के बाद तुरंत ही इसका उपयोग कर लें. ज्यादा टाइम रखने से खराब हो सकता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
वैज्ञीनिकों के रिसर्च के बाद ये बात सामने आई कि गोबर और गौमूत्र की खाद से तैयार होने वाले ऑर्गैनिक फल और सब्जियां हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं, और वे वास्तव में गर्भवती महिलाओं और वृद्ध लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुए हैं.
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