रायपुर. साइबर फ्रॉड में हर रोज इजाफा हो रहा है. आए दिन लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे उड़ाए जा रहे हैं. भारत में जितनी तेजी से बैंकिंग सेवाएं ऑनलाइन हो रही है, उससे अधिक तेजी से बैंकिंग फ्रॉड भी हो रहे हैं. किसी भी तरह की धोखाधड़ी या फ्रॉड होने पर जानकारी के अभाव में लोग समय पर और सही जगह पर शिकायत नहीं कर पाते हैं. होम मिनिस्ट्री और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने हेल्पलाइन शुरू किया है.

यदि आप किसी भी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार होते हैं तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें. 7 से 8 मिनट में आपके खाते से उड़ाए गए पैसे जिस आईडी से दूसरे खाते में ट्रांसफर हुई होगी. हेल्पलाइन उस बैंक या ई-साइट्स को अलर्ट मैसेज पहुंचेगा. फिर रकम होल्ड पर चली जाएगी.

55 बैंक्स, ई-वॉलेट्स, ई-कॉमर्स साइट्स, पेमेंट गेटवेज व अन्य संस्थानों ने मिलकर एक इंटरकनेक्ट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसका नाम ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए बेहद कम समय में ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड्स के शिकार लोगों को बचाया जा सकता है. इस हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक करोड़ों रुपए बचाए गए हैं.

सबसे पहले करें ये काम

  1. साइबर ठगी होने की स्थिति में आपको तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करनी चाहिए. शिकायत दर्ज करने के बाद आपके पैसे के दोबारा मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. यह नंबर गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर है, जो पूरे देशभर में लागू है. साथ ही गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर कंप्लेंट करें.
  2. इसके तुरंत बाद आप अपने बैंक को पूरी घटना के बारे में जानकारी दें. खाते को ब्लॉक करा दें. कई बार देखा गया है कि साइबर ठग एक बार पैसे निकालने के बाद विक्टिम के खाते से दोबारा पैसे निकालने की कोशिश करता है. यदि आपके मोबाइल से सेंध लगाई है तो सिम प्रोवाइडर कंपनी को कॉल करके अपने सिम को ब्लॉक कराएं.
  3. आपको अपने साथ हुई ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर दर्ज करानी होगी. शिकायत दर्ज कराते समय आपको बैंक पासबुक रिकॉर्ड की कॉपी, आईडी और एड्रेस फू्रप की कॉपी पुलिस स्टेशन में जमा करनी होगी.

इन बातों का रखें ख्याल

  1. डिजिटल वॉलेट का एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करने वाले को अनसुना करें.
  2. अगर यूजर को ऐप डाउनलोड करने के लिए कहे तो न करें.
  3. अगर ऐप डाउनलोड हो गया तो वह 9 अंकों का कोड मांगता है तो शेयर न करें.