
महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव की आराधना से जुड़े पर्व हैं, दोनों पर्वों में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि को सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। महाशिवरात्रि साल में एक बार, जबकि मासिक शिवरात्रि हर महीने एक बार आती है। दोनों में मुख्य रूप से निम्नलिखित अंतर होते हैं। महाशिवरात्रि का महत्व अधिक होता है और यह शिव-पार्वती विवाह से जुड़ी मानी जाती है। मासिक शिवरात्रि साधकों और शिव भक्तों के लिए नियमित उपासना का अवसर होता है।

महाशिवरात्रि
- आवृत्ति: वर्ष में एक बार मनाई जाती है।
- तिथि: फाल्गुन माह (फरवरी-मार्च) की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है।
- महत्व: यह शिव-पार्वती के विवाह की रात मानी जाती है और इसे विशेष रूप से भगवान शिव की महिमा के रूप में मनाया जाता है।
- उत्सव: इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं, शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हैं।
मासिक शिवरात्रि
- आवृत्ति: हर महीने एक बार आती है।
- तिथि: प्रत्येक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है।
- महत्व: यह दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महत्वपूर्ण होता है और नियमित रूप से शिव उपासना करने वाले साधकों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है।
- उत्सव: इस दिन भी भक्त उपवास रखते हैं और शिवलिंग का अभिषेक कर रात्रि में शिव की आराधना करते हैं।
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