रायपुर. श्री गणेश विनायक ऑय हॉस्पिटल में नेत्र विशेषज्ञों ने सफलतापूर्वक दो साल के बच्चे की आंखों में लगा रिमोट कार का तार निकाला. समय पर उपचार होने से बच्चे के आंखों की रोशनी बच गई.

रायपुर निवासी दो साल के दिव्यांश राठौर खेलते-खेलते आंखों में रिमोट कार का तार फंसा बैठा. रात 11 बजे श्री गणेश विनायक ऑय हॉस्पिटल में समय पर इलाज मिलने पर केवल तार उसकी पलक को नुकसान पंहुचा पाया. डाॅ. चारुदत्त कलमकर और डॉ. श्रीनिवास ने समय रहते बड़ी ही सावधानी और धैर्यता के साथ बच्चे का इलाज सफलतापूर्वक किया.

डॉ. चारुदत्त कलमकार ने बताया, तार लगने से आंखों के अंदर के नेत्र गोलक और अंदर की सतहों को खतरा था, जिसकी वजह से आंखों की रोशनी पर असर हो सकता था. समय पर उसको निकालकर बच्चे को सात दिनों के लिए रखा गया. अभी वे पूर्ण रूप से ठीक है. माता-पिता से अपील है कि जब बच्चे खेले तो उन्हें निगरानी में रखे. कोई भी नुकीली चीज उनको खेलने के लिए न दे.

डाॅ. चारुदत्त ने कहा, आगे गर्मियों की छुट्टियां है. हमे कई बार ऐसे हादसे देखने को मिलते हैं, जहां बच्चे अनजाने में आंखों को काफी नुकसान पंहुचा लेता है. कई बार आंखों में पेंसिल या पेन की नोक लगने से भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अगर बच्चों की आंखों में कुछ भी लगता है और आप उसकी आंखों से कोई द्रव या खून निकलता देखते हैं, आँखों के आसपास लाली या सूजन दिखता है, देखने में दिक्कत और दर्द है तो आपको नेत्र रोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करना चाहिए. कुछ घंटों की देरी से अधिक नुकसान हो सकता है.