मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. जिसे कई स्थानों पर अगहन पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखना, मां लक्ष्मी, चंद्रदेव और भगवान सत्यनारायण की पूजा करने का विधान है. पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर की सुबह 8:37 से प्रारंभ होगी और 5 दिसंबर के सुबह 4:43 बजे इसका समापन होगा.

स्नान का शुभ मुहूर्त, दान का समय
इस पूर्णिमा पर विशेष रवि योग बन रहा है, जो दोष दूर करने के लिए सहायक माना जाता है. रवि योग सुबह 6:59 बजे से दोपहर 2.54 मिनट तक रहेगा. इसी तरह शिव योग दोपहर 12:34 तक रहेगा. इसके बाद सिद्धि योग प्रारंभ होगा. इसमें स्नान एवं दान किया जा सकता है.
इस दिन चंद्र दोष दूर करने के लिए क्या दान करें?
पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा को जल देना सबसे शुभ माना जाता है. चंद्रमा को मजबूत करने के लिए व्रत रखें. इस दिन क्षमता अनुसार चावल, शक्कर, सफेद रंग के कपड़े, मोती, खीर, दूध से लेकर चांदी की धातु का दान करें. इन चीजों का दान करने से चंद्रमा कुंडली में मजबूत होकर अनेक शुभ परिणाम देता है.
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