सुशील जोशी, अलीराजपुर। एक ओर जहां देश स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का जश्न मना रहा है, वहीं अलीराजपुर जिले के ककराना पंचायत के पेमितर फलिया के ग्रामीण आज भी अत्यंत कठिन जीवन जी रहे हैं। पेमितर फलिया के लोगों की स्थिति आज भी ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म जैसी है। यहां न बिजली, न स्वास्थ्य सेवाएं, और न ही सड़क सुविधा उपलब्ध है।
नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं
पेमितर फलिया, जो नर्मदा नदी के किनारे एक गांव है। यहां के निवासी शहर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेते हैं। इस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से अनुपस्थित हैं।
10 सोलर लाइट बल्ब से मिली रोशनी
हालांकि, सामाजिक संगठन के नितेश अलावा ने इन परिवारों की चिंता करते हुए उनके घरों के बाहर करीब 10 सोलर लाइट बल्ब लगाए हैं, जिससे कुछ हद तक जीवन में उजाला आया है। घर के बाहर रोशनी देखकर ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है, लेकिन अभी भी कई समस्याएं अनसुलझी हैं।
झोली का सहारा
स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भी दयनीय है। मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए झोली का सहारा लेना पड़ता है, और समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण कई बार लोगों की जान चली जाती है।
लल्लूराम की टीम ने पेमितर फलिया के निवासियों से बातचीत की। उन्हें न तो अमृत महोत्सव की जानकारी है और न ही स्वतंत्रता दिवस के महत्व का एहसास है। यह साफ जाहिर होता है कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन पेमितर फलिया के लोगों के लिए मोबाइल, बिजली और टेलीविजन जैसी सुविधाएं अभी भी केवल सपने की तरह हैं।
इस फलिया के लोग नदी के पानी का उपयोग करते हैं, जिसे पीना आमतौर पर सुरक्षित नहीं माना जाता। नदी के पानी में कीटाणु और जीवाणु हो सकते हैं, जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं, लेकिन यहां के लोगों की मजबूरी यही है कि उन्हें इसी पानी का उपयोग करना पड़ता है।
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