पटना। शहर में यातायात की समस्या से निपटने के लिए अब एक नई और अनोखी पहल की गई है। देश का पहला टू लेन डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर जल्द ही लोगों के समक्ष खुलने वाला है। यह आधुनिक फ्लाईओवर गांधी मैदान से लेकर पीएमसीएच होते हुए अशोक राजपथ, साइंस कॉलेज और एनआईटी को जोड़ता है। जहां जमीन के नीचे मेट्रो चलेगी, वहीं ऊपर तीन लेयर रोड का नेटवर्क होगा। यह संरचना पटना की ट्रैफिक समस्या का स्थाई समाधान साबित होने वाली है।

लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी

इस डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 15 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था और अब 31 मई 2025 को इसका निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना पर लगभग 422 करोड़ रुपये की लागत आई है। बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने हाल ही में इस एलिवेटेड कॉरिडोर का निरीक्षण किया और बताया कि 11 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पुल का उद्घाटन करेंगे, जिससे पटना के लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

समस्या को काफी हद तक कम करेगा

इस फ्लाईओवर का ऊपरी डेक लगभग 2175.50 मीटर लंबा है, जो कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक फैला है। वहीं निचला डेक 1449.30 मीटर की दूरी तय करता है और पटना कॉलेज से गांधी मैदान को जोड़ता है। खास बात यह है कि फ्लाईओवर का ट्रैफिक रूट साइंस कॉलेज से गांधी मैदान की ओर निर्धारित किया गया है, जो इस क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले रास्तों में जाम की समस्या को काफी हद तक कम करेगा।

यह डबल डेकर कॉरिडोर न केवल अशोक राजपथ जैसे व्यस्त मार्गों को जोड़ेगा, बल्कि गांधी मैदान से कृष्णा घाट और गंगा पथ से भी इसे जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त, यह गयाघाट, पटना सिटी और कच्ची दरगाह तक भी पहुंच को आसान बनाएगा। भविष्य में पीएमसीएच के मल्टी लेवल कार पार्किंग से भी इसे जोड़ने की योजना है, जिससे यातायात और भी सुगम होगा।

ट्रैफिक का दबाव काफी कम होगा

फ्लाईओवर के पास मेट्रो स्टेशन भी बनाया जा रहा है, जिससे पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों और आसपास के कॉलेजों तक पहुंचना आसान होगा। इसके बनने से बीएन कॉलेज, पीएमसीएच और साइंस कॉलेज जैसे महत्वपूर्ण केंद्रों के आसपास ट्रैफिक का दबाव काफी कम होगा। फ्लाईओवर की चौड़ाई 8.5 मीटर है, जो दो लेन का निर्माण है और यह पटना के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगी।

बेहतर यात्रा अनुभव भी मिलेगा

इस पुल के बनने से न केवल यातायात की गति में सुधार होगा, बल्कि पटना के नागरिकों को समय की बचत और बेहतर यात्रा अनुभव भी मिलेगा। यह परियोजना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है और पटना को आधुनिक शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम मिलेगा।