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नई दिल्ली. अफगानिस्तान के सबसे प्रसिद्ध मनोचिकित्सकों में से एक, (जिन्हें सितंबर में हथियारबंद बदमाशों ने अगवा कर लिया था) मृत पाये गये हैं. नादेर अलेमी की बेटी, मनिझेह अबरीन ने कहा कि उनके पिता को मारने से पहले उन्हें प्रताड़ित किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है, “कल हमने अपहरणकर्ताओं को 3,50,000 डॉलर दिये थे और उन्होंने आज मेरे पिता को रिहा करने का वादा किया था, लेकिन आज सुबह हमें उनका शव मिला है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का पहला निजी मनोरोग अस्पताल खोलने वाले 66 वर्षीय अलेमी का उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में अपहरण कर लिया गया था. अपहरण से पहले उन्हें धमकी भरे कॉल और मैसेज आते थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहरणकर्ताओं ने मूल रूप से 8,00,000 डॉलर की फिरौती की मांग की थी.
अबरीन ने कहा, “उन्होंने हमें अपना घर और अस्पताल बेचने के लिए कहा और हमने उनसे सौदेबाजी की और अनुरोध किया कि कोई भी इस स्थिति में संपत्ति नहीं खरीदेगा. वे नहीं सुन रहे थे. हमने अपने दोस्तों और परिवार से पैसे लिए और कार और आभूषण बेचे.”
रिपोर्ट के अनुसार, “हम केवल इतना ही (350,000 डॉलर) दे सकते थे. हमारे पिता बूढ़े थे, साथ ही वह मधुमेह से पीड़ित थे, लेकिन उन क्रूर लोगों ने ध्यान नहीं दिया.” अबरीन ने कहा कि उनके पिता के शरीर में यातना के स्पष्ट लक्षण दिखाई दे रहे हैं.
अलेमी मजार-ए-शरीफ में एक प्रमुख व्यक्ति थे, उन्होंने अपना अस्पताल खोला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें उत्तरी अफगानिस्तान में एकमात्र पश्तो भाषी मनोचिकित्सक माना जाता था और उनके रोगियों में तालिबान लड़ाके भी शामिल थे.