तखतपुर- टोनही प्रथा ! छत्तीसगढ़ की तमाम खूबियों के बीच एक ऐसी सामाजिक बुराई, जिसे प्रदेश के माथे पर हमेशा कलंक के तौर पर देखा गया। सामाजिक जागरूकता लाने के लिहाज से सरकार ने भी सख्त कानून बनाया, लागू किया और टोनही प्रताड़ना के मामले में कमी लाई। टोनही प्रताड़ना को खत्म करने का बीड़ा उठाया था, सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने और कानून बनने के लगभग एक दशक खत्म होने के बाद सामाजिक जागरूकता लाने की मुहिम में शामिल हुईं हैं, उनकी बेटी डाॅ. अश्मिता सिंह गुप्ता…..
अश्मिता सिंह गुप्ता आज इसी मुहिम के तहत बिलासपुर जिले के तखतपुर पहुंची, जहां गांव-गांव घूम-घूम कर काम करने वाली मितानिनों की बैठक ली। बैठक में सौ से ज्यादा मितानिन शामिल हुई। डा.अश्मिता सिंह ने मितानिनों को टोनही प्रथा औऱ मानसिक रोगियों के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि-
मानसिक रोगियों को ध्यान में रखते हुए स्तुति फाउंडेशन ने मुहिम चलाई है। फाउंडेशन ग्रामीणों को जागरूक करने की दिशा में काम कर रहा है। मितानिन ग्रामीण इलाकों में एक डाक्टर की भूमिका में होतीं हैं, जो पूरे गांव को संभालती हैं, लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। स्तुति फाउंडेशन ने मुझे बुलाया और यहां आकर मैं, मितानिनों से मिली। उनका सम्मान किया। इससे मुझ बेहद खुशी हुई। ऐसे कामों के लिए मुझे जहां भी जाना पड़े, जो काम करना पड़े, उसे करने के लिए मैं और मेरी पूरी टीम काम करेगी। छत्तीसगढ़ में टोनही प्रथा को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम किया जा रहा है। मैं डेंटल डाक्टर हूं और साथ ही स्तुति फाउंडेशन के साथ जुड़कर मानसिक रोगियों पर भी काम कर रही हूं। आगे भी कोशिश होगी इन तमाम समस्याओं पर बेहतर तरीके से काम करते रहें।