बस्तर के उन दुर्गम इलाकों में जहां कभी नक्सलियों के खौफ में ग्रामीण घुट घुट कर जीवन जीने पर मजबूर थे. उन इलाकों में भी  ग्रामीण अब विकास चाहते हैं. और मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं.   दरभा में नक्सल प्रभावित गांव के युवा कहते हैं, ‘हम अपने गांव में स्कूलों, सड़कों और चिकित्सा सुविधाओं को चाहते हैं. साथ ही वे अपने गांव के उन लोगों से वापस लौटने की अपील कर रहे हैं जो नक्सलियों के साथ शामिल हैं.

ये वही दरभा इलाका है जहां 5 साल पहले कांग्रेस के काफिले पर बड़ा नक्सली हमला हुआ था, जिसमें कई बड़े कांग्रेसी नेता की निर्मम हत्या कर दी गई थी. बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा का कहना है कि-

सुरक्षा कर्मियों के निरंतर प्रयासों के कारण, दरभा इलाके में  नक्सलियों का असर कम हो गया है, लोगों ने यह भी महसूस किया है कि नक्सलियों ने कभी उनके लिए कोई अच्छा काम नहीं किया है। पुलिस यहां सभी संभावित तरीकों से लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहा है. इसी का परिणाम है आज स्थानीय लोग नक्सलवाद को नकार रहे हैं और विकास की मांग कर रहे हैं.