Shree Siddhivinayak Temple Dress Code: हिंदुओं के आस्था के प्रमुख केंद्रों में एक मुंबई स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर में ड्रेस कोड लागू हो गया है। अब मंदिर में केवल उन्हीं भक्तों को जाने की अनुमित दी जाएगी जो भारतीय परंपरा के अनुरूप पारंपरिक पोशाक पहने रहेंगे। महिलाओं-लड़कियों के मिनी स्कर्ट और जींस पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है। वहीं पुरुषों को भी भारतीय परिधान में आने पर ही पूजा की इजाजत मिलेगी। मंदिर प्रशासन की ओर से यह फैसला कई शिकायतों के बाद लिया गया है।
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। पत्र में मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि गणेश भक्तों को भारतीय परंपरा के अनुरूप कपड़े पहनने चाहिए ताकि अन्य नागरिकों को सिद्धिविनायक मंदिर में जाने पर शर्म महसूस न हो। भक्तों को पूरे शरीर पर कपड़े पहनने चाहिए, यह नियम सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। अगर इस ड्रेस कोड का उल्लंघन किया गया तो मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं
बता दें कि हर साल लाखों श्रद्धालु सिद्धिविनायक मंदिर में आराध्य देव गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान कई लोग मर्यादा के विपरित कपड़े पहनकर पहुंचते हैं। अब भक्तों को यहां दर्शन के लिए आते समय अपने कपड़ों का ध्यान रखना होगा। जो भी भक्त ड्रेस कोड का पालन नहीं करेंगे उन्हें मंदिर प्रशासन अंदर जाने की अनुमति नहीं देगा।
देश के कई धर्मस्थलों में ड्रेस कोड
डेस कोड संहिता देश के कई तीर्थस्थलों में भक्तों के लिए लागू है, जो यह कहता है कि किसी भी पुरुष या महिला को मंदिर में अशोभनीय कपड़े नहीं पहनने चाहिए। साथ ही अगर कोई भक्त उनके पास सज-धज कर आता है तो उसे कुछ जगहों पर शॉल और धोती भी प्रदान की जाती है। ड्रेस कोड को लेकर भी कई तरह के तर्क-वितर्क होते रहते हैं। कई मंदिर महिलाओं को मिनी स्कर्ट और जींस पहनने से रोकते हैं। पुरुष भी इस ड्रेस कोड से अछूते नहीं है। दक्षिण के कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक