चंडीगढ़. पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संत प्रकाश ने इस मामले का संज्ञान लिया है कि स्कूल जाने वाले बच्चे गंभीर खतरे में हैं, क्योंकि वे स्कूलों में जो पानी पी रहे हैं, वह उपयुक्त नहीं है.

न्यायाधीश ने अगली सुनवाई की तारीख तक संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. अपने विस्तृत आदेश में न्यायमूर्ति संत प्रकाश ने कहा है कि आयोग ने सोशल मीडिया में लगभग 100 सरकारी स्कूलों के पानी के नमूनों के सैंपल फेल शीर्षक से वायरल विस्तृत रिपोर्ट का अवलोकन किया है, जो दर्शाता है कि मोहाली में लगभग 100 सरकारी स्कूलों के पानी के नमूने जिला प्रशासन द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के दौरान गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे. इसमें आगे उल्लेख किया गया है कि मोहाली भर से कुल 538 नमूने एकत्रित किए गए थे.

इसमें आगे उल्लेख किया गया है कि निष्कर्षों के बाद, मोहाली उपायुक्त ने 16 जुलाई को स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, स्वच्छता और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें छात्रों के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता तुरंत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति संत प्रकाश ने कहा कि आयोग मामले का स्वतः संज्ञान लेता है और तदनुसार, मामले को अगली सुनवाई की तारीख से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उपायुक्त, एसएएस नगर (मोहाली) के समक्ष रखा जाए. मामले को अगली सुनवाई के लिए 02.09.2024 को डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया है.