पंजाब के स्कूलों में आज से नशा मुक्ति विषय पढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल फाजिल्का से इस पहल की शुरुआत करेंगे।

9वीं से 12वीं तक के बच्चों को नशे से बचने के लिए जागरूक किया जाएगा। हर 15 दिन में 35 मिनट की एक क्लास होगी। इसमें बच्चों को फिल्में, क्विज और खेल के जरिए नशों से दूर रहना सिखाया जाएगा।

शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने बताया कि पंजाब नशा निवारण पाठ्यक्रम लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। राज्य सरकार कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए एक नशा निवारण पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान 1 अगस्त को फाजिल्का जिले के अरनीवाला में इस राज्यव्यापी नशा निवारण पाठ्यक्रम की शुरुआत करेंगे जिसके जरिये 8 लाख छात्रों को नशे से बचने की जानकारी दी जाएगी।

डाॅक्यूमेंट्री, क्विज, पोस्टर और इंटरैक्टिव गतिविधि

उन्होंने बताया कि यह अनूठा कार्यक्रम नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अभिजीत बनर्जी के नेतृत्व वाले संगठन जे-पॉल साउथ एशिया के सहयोग से तैयार किया गया है। पाठ्यक्रम 35 मिनट के सत्रों पर आधारित होगा, जो हर पखवाड़े (15 दिन) में एक बार 27 सप्ताह तक आयोजित किए जाएंगे। इसमें डाॅक्यूमेंट्री, क्विज, पोस्टर और इंटरैक्टिव गतिविधियों जैसे रोचक माध्यमों के जरिये मिथकों को तोड़ना, मना करने की रणनीति और समूह दबाव से बचाव जैसे विषयों पर केंद्रित रहेगा। इसमें 3,658 स्कूलों को कवर किया जाएगा। वर्ष 2024-25 के दौरान अमृतसर और तरनतारन के 78 सरकारी स्कूलों में 9,600 विद्यार्थियों पर इसका ट्रायल किया गया था जिसके अच्छे परिणाम मिले। बैंस ने कहा कि पंजाब में नशा संकट दशकों तक पिछली सरकारों के संरक्षण के कारण उत्पन्न हुआ है।