रायपुर. विवादित हो चुके भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक को वापस लेने के कैबिनेट के फैसले पर राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा है कि दवाई कितनी भी अच्छी हो यदि मरीज का शरीर सूट नहीं कर रहा है तो अच्छा यही है कि दवा वापस ले ली जाए. उन्होंने भू-राजस्व संहिता संशोधन  विधेयक को अच्छी दवा बताते हुए कहा कि दवाई अच्छी थी लेकिन यदि दवा रियेक्ट कर रही है तो वापस ले लेना चाहिए.

प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि इस बिल को लेकर सरकार को ऐसे रिएक्शन की कल्पना नहीं थी. विपक्ष का काम है मुद्दा बनाना उसे वो कर रही है. पांडेय ने कहा कि पीएम मोदी ने भू अधिग्रहण में दो-दो बार बदलाव किया था. उन्होंने मन की बात में कहा था कि सरकार के फैसले से यदि जनता भयाक्रांत है तो फैसले को वापस लेना चाहिए. छत्तीसगढ़ में रमन सरकार बखूबी काम कर रही है. आदिवासियों के हितों को ध्यान रखकर सरकार काम कर रही है.

सर्व आदिवासी समाज की भावना के अनुरुप इसे सरकार ने वापस लिया है. गौरतलब है कि सरकार ने आदिवासियों की ज़मीन खरीद बिक्री से संबंधित एक बिल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पारित कराया था. जिसमें सरकार को आदिवासियों से ज़मीन खरीदने का अधिकार था. जिसका विपक्ष और आदिवासी समाज पुरज़ोर विरोध कर रहा था. जिसे देखते हुए सरकार ने इस बिल को राज्यपाल के दस्तख़त से पहले ही वापस ले लिया.