नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर डॉ रतन लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. PM मोदी को लिखे खत में प्रोफेसर ने AK-56 राइफल का लाइसेंस मांगा है. दरअसल डॉ प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं, कि उनके खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. प्रोफेसर डॉ रतन लाल ने प्रश्न करते हुए कहा कि क्या औरंगजेब ने ब्राह्मणों को दक्षिणा नहीं दी ?, मंदिरों को दक्षिणा नहीं दी ? कई व्यक्तियों और संगठनों ने प्रोफेसर रतन लाल द्वारा शिवलिंग को लेकर की गई टिप्पणियों पर घोर आपत्ति जताई है.
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मुझे गाली देने वालों पर भी होनी चाहिए FIR- प्रोफेसर रतन लाल
दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर डॉ रतन लाल का कहना है कि जितने लोगों ने मुझे गाली दी है, क्या उन पर एफआईआर नहीं होनी चाहिए. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद कब बनी, इस बात का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है. उन्होंने इसे चुनावी राजनीति से जुड़ा हुआ विषय बताया. प्रोफेसर ने कहा कि अगर यह बहस कराई जा रही है कि बनारस में उस स्थान पर मंदिर है, तो मैं यह कहता हूं कि यह 2024 के चुनाव का एजेंडा सेट किया जा रहा है. प्रोफेसर रतन लाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस देश में दलित-बैकवर्ड और मुसलमान की कोई आस्था नहीं है, सिर्फ आस्था आप ही की है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे जान से मारना है तो मार दीजिए, देश में लोकतंत्र नहीं है.
मस्जिदों की डीप खुदाई करें, अगर बौद्ध विहार निकले, तो उन्हें वापस करें जमीन- प्रोफेसर रतन लाल
प्रोफेसर डॉ रतन लाल ने कहा कि मस्जिदों की डीप खुदाई होनी चाहिए और अगर वहां खुदाई में बौद्ध विहार निकले, तो उनको भी बौद्धों को वापस करना चाहिए. प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि इतिहास का छात्र अपने हिसाब से चलता है. देखने का अपना नजरिया है. अगर आधा ग्लास पानी है, तो कोई यह कह सकता है कि पानी का यह गिलास आधा भरा हुआ है और कोई अन्य व्यक्ति कह सकता है कि पानी का यह गिलास आधा खाली है. इसके बाद प्रोफेसर डॉ रतन लाल ने शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि जो शिवलिंग तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है, काटा हुआ लग रहा है. इसके बाद उन्होंने इस्लाम से जुड़े हुए तथ्य रखते हुए शिवलिंग के बारे में विवादित बातें कहीं.
प्रोफेसर रतन लाल ने बहस की दी चुनौती
प्रोफेसर द्वारा की गई बातों का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि उन्होंने शिवलिंग के संबंध में उपहास भरी बातें कही हैं. प्रोफेसर ने शिवलिंग को काटे जाने की बात को इस्लाम की एक धार्मिक मान्यता से जोड़कर इसका उपहास उड़ाया है. इसके जवाब में प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि अगर पीपल का पत्ता भी तोड़ दे, तो कुछ लोगों की भावना आहत हो जाती हैं, लेकिन अब जब लोग मुझे गालियां दे रहे हैं क्या मेरी भावना आहत नहीं हो रही है. यह भावना नहीं गाजर-मूली है. मैंने राय दी है और मैंने राष्ट्रवादी इतिहास पर पीएचडी की है. आप मेरी राय से असहमत हो सकते हैं, लेकिन लोग तो मुझे गाली दे रहे हैं. प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि शिवलिंग पर 5 लकीर खींची गई है, इसकी व्याख्या कौन करेगा. उन्होंने बहस की चुनौती देकर कहा कि बहस कीजिए, बहस करने के लिए मंच बनाइए और इतिहासकारों को बुलाइए.
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