बलांगीर. ओडिशा सरकार के लिए मां और बच्चे की सलामती के लिए ना जाने कितनी योजनाएं लागू है. ऐसे ही प्रसव पीड़ा के समय अस्पताल पहुंचाने के लिए जननी योजना के तहत राज्य भर में जननी एक्सप्रेस चालू होने का दावा किया जाता है. लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है. आए दिन पिछड़े इलाके और ग्रामीण इलाकों में ऐसे कई मामले देखने को मिल जाते हैं जो इस दावे को नकारते हैं. ओडिशा के कई इलाकों में अभी भी लोग बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं.
बलांगीर जिले से एक एसी ही घटना सामने आई है. जहां एम्बुलेंस न मिलने पर राजमार्ग के किनारे एक महिला की डिलीवरी करानी पड़ी. जिसमें महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. कुमुड़ा गांव की महिला बिंदिया सबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार ने तुरंत एम्बुलेंस को बुलाया. लेकिन कई कॉल और कई घंटों के इंतेजार के बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद परिवार ने महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एक ऑटो-रिक्शा किराए पर लिया. लेकिन अस्पताल के रास्ते में ही बिंदिया की प्रसव पीड़ा तेज हो गई, जिससे परिवार को हाईवे के किनारे गाड़ी रोकना पड़ा. परिवार ने रोड किनारे ही बिंदिया को ऑटो से उतारा और कपड़ा टांग कर एक अस्थायी तम्बू बनाया जहां महिला ने अपने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया.
इस घटना पर खुद बिंदिया कहा ‘मैंने एम्बुलेंस को बहुत बार कॉल किया, लेकिन कोई नहीं आया. हमने आशा कार्यकर्ता को भी बुलाया, लेकिन वह भी हमारे साथ नहीं आई.’ हालांकि, बिंदिया और उनके नवजात जुड़वा बच्चों का स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर है. इस बीच, घटना को लेकर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.
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