आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. डोंगाघाट में 35 लाख रुपए खर्च कर तैयार किया गया गोबर गैस प्लांट दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है. एक साल पहले नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने मिलकर इस योजना की शुरुआत की थी. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था.

दरअसल, उम्मीद थी कि छत्तीसगढ़ के पहले बायोगैस प्लांट में बिजली उत्पन्न होगी, जिसके बाद प्रदेश के अन्य जगहों पर भी बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे. लेकिन नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण की इस योजना पर ताला लगता हुआ नजर आ रहा है.

प्लांट उद्घाटन के शुरुआती दौर में 590 यूनिट बिजली का उत्पादन भी किया गया. योजना के अनुसार प्लांट में उत्पादित बिजली को विद्युत वितरण कंपनी को बेचा जाना था, लेकिन यह काम भी नहीं हो पाया. प्लांट संचालित करने के लिए मवेशी पालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर की भी खरीदी की जानी थी.

वहीं मामले में निगम आयुक्त हरीश मंडावी का कहना है कि प्लांट संचालन के लिए हर दिन 500 किलोग्राम गोबर की जरूरत होती है, लेकिन इतनी मात्रा में गोबर निगम को नहीं मिल पा रहा. इसलिए प्लांट को कुछ दिनों के लिए बंद किया गया है. वहीं गोबर के विकल्प के रूप में अन्य वेस्ट का उपयोग करने पर भी निगम विचार कर रहा है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें